नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर सियासी अटकलों का दौर जारी है। हाल ही में उन्हें मोदी कैबिनेट ने इस्तीफा देना पड़ा है। वर्तमान में वो संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। उन्हें देश के नए उपराष्ट्रपति बनने की भी चर्चा उठी थी। अब जबकि भाजपा की ओर से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति के लिए नामित कर दिया गया है, तो उसके बाद नई चर्चा शुरु हुई है कि उनकी जगह मुख्तार अब्बास नकवी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के लिए कमान संभाल सकते हैं।
इस समय पश्चिम बंगाल जाने की रेस में मुख्तार अब्बास नकवी सबसे आगे चल रहे हैं। नकवी एक वरिष्ठ नेता हैं और अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट में ममता के एक समय के सहयोगी भी थे। एक राजनेता के रूप में, नकवी कुशल और चतुर हैं। इसके अलावा, नकवी पर सीधे हमले से राज्य के अल्पसंख्यक वोटों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। यह बात एक तरफ ममता को असहज कर सकती है। अभी केरल के आरिफ मोहम्मद खान ही इकलौते मुस्लिम राज्यपाल हैं। संवैधानिक पद दिए जाने से भाजपा पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप भी कमजोर पड़ जाएंगे।
भाजपा सूत्रों के एक वर्ग के अनुसार पार्टी उत्तर प्रदेश के एक शिया मुस्लिम नेता मुख्तार अब्बास नकवी पर नजर गड़ाए हुए है, जिनका हाल ही में राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया और जिसकी वजह से केंद्रीय मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा। माना जाता है कि लोकसभा चुनाव से पहले धनखड़ को हटाकर केंद्र ने तृणमूल नेतृत्व को सकारात्मक संदेश दिया है। आने वाले दिनों में जो नया राज्यपाल आएगा, क्या वह संघर्ष का रास्ता नहीं बनाए रखेगा या सुलह के रास्ते पर चलेगा?