नई दिल्ली। कोरोना काल में यदि किसी ने सबसे अधिक अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया है, तो वह देश के डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मी हैं। इसलिए दिल्ली सरकार ने इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के नाम भेजने का फैसला किया है। इसे जनता एक साकारात्मक कदम मान रही है।
मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी विस्तृत जानकारी दी। संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस साल पद्म पुरस्कारों के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के नाम केंद्र सरकार को भेजने का फैसला किया है।
बता दें कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले डॉक्टरों को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की भी मांग कर चुके हैं। इस महीने के शुरुआत में ही अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि इस साल ’भारतीय डॉक्टरों’ को भारत रत्न मिलना चाहिए। ’भारतीय डॉक्टर’ का मतलब सभी डॉक्टरों, नर्स और पैरामेडिक्स हैं। शहीद हुए डॉक्टरों को यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अपनी जान और परिवार की चिंता किए बिना सेवा करने वालों का ये सम्मान होगा। पूरा देश इससे खुश होगा।
डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों नें कोरोना काल में अपनी जान की बाज़ी लगाकर लोगों की सेवा की है। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि इस बार वो पद्म पुरस्कार के लिए केवल इन वॉरियर्स के नाम भेजेगी। नामों का चुनाव दिल्ली की जनता करेगी। padmaawards.delhi@gmail.com पर अपने सुझाव ज़रुर भेजें।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हमने एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है, जो आवेदन के बाद उन नामों की स्क्रीनिंग करेगी और फिर दिल्ली सरकार को उन नामों की सिफारिश करेगी। इसके बाद आखिर में वो फाइनल नाम केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। केजरीवाल ने बताया कि डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी 15 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं।
इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम कोरोना काल में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के काफी आभारी हैं। इन लोगों ने पूरी महामारी के दौरान शानदार काम किया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीते डेढ़ साल से हमारे हेल्थ वर्कर्स अथक परिश्रम कर लोगों की जान बचा रहे हैं उसके लिए हम सब उनके आभारी हैं। डॉक्टर, नर्स आदि अन्य सभी तरह के स्वास्थ्यकर्मी जिस तरह 24-24 घंटे काम कर रहे हैं उसके लिए देश ही नहीं पूरी दुनिया उनका शुक्रिया अदा करती है।