Yogi in Action : क्या मुख्तार के बाद अगला नंबर है अतीक का !!!

मुख्तार अंसारी को पंजाब से बांदा जेल में लाने में उत्तर प्रदेश सरकार सफल रही। अब राज्य सरकार के मंत्री ने दावा किया है कि हमारी सरकार गुजरात की जेल में अतीक अहमद को लेकर आएंगे। लोगों का मानना है कि इसका राजनीतिक लाभ भी लिया जा सकता है।

लखनउ। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Govt) हाल के दिनों में जिस प्रकार से बाहुबलियों के साथ व्यवहार कर रही है, उसको लेकर अपराध जगत से जुडे लोग संशय में हैं। बीते दिनों पंजाब से जिस प्रकार से बंादा तक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को लाया गया और लोग संशय में रहे, वह पूरी कहानी कहती है। अब कहा जा रहा है कि अगला नंबर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का है। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Govt)जल्द ही अतीक अहमद को गुजरात से अपने प्रदेश लाएगी।

ऐसा नहीं है कि यह सवाल केवल जनता के मन में है। इसकी पुष्टि तो उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल (Anand Swaroop Shukl) ने भी किया है। बलिया में एक आयोजन के दौरान राज्यमंत्री आनंद रूवरूप शुक्ल की ओर से कहा गया कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से लाने के बाद योगी सरकार (Yogi Govt) अब माफिया एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात से उत्तर प्रदेश लायेगी।

बता दें कि राज्यमंत्री शुक्ल ने बलिया में थे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब सरकार के तमाम तिकड़म के बावजूद योगी सरकार उत्तर प्रदेश लाने में सफल हो गई है। अंसारी के बाद अब माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के लिए प्रयास तेज होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अतीक अहमद अभी गुजरात की जेल में है। उसका समय भी अब निश्चित रूप से आयेगा। उसने उत्तर प्रदेश के लोगों को परेशान किया है। लोग ऐसे अपराधियों को सजा दिलाना चाहते हैं।श् शुक्ल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसे अपराधियों को प्रदेश में लाकर अदालत के माध्यम से सजा दिलाई जाये।

बता दें कि रंगदारी मांगने के एक मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में करीब दो साल से बंद रहे मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को बुधवार तड़के उत्तर प्रदेश की बांदा जेल लाया गया। पूर्व सांसद अतीक अहमद भी मुख्तार की ही तरह आपराधिक छवि वाले हैं। कहा जा रहा है कि जिस प्रकार से अपराधियों और बाहुबलियों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन में दिख रही है, इसका जिक्र अगले साल होने वाले राज्य के विधानसभा चुनाव में भी होगा। कानून व्यवस्था की उपलब्धि के तौर पर इसे बताया जाएगा।