साहिबाबाद। लोभ के कारण कुछ लोग आपकी और हमारी जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। जो दवाएं हम बीमारियों को दूर करने के लिए खाते हैं, उन दवाओं को यदि अवैध तरीके से बनाया जाए, तो स्थिति विस्फोटक होगी। साहिबाबाद में ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया है।
औषधी विभाग (ड्रग्स) अधिकारियों ने क्राइम ब्रांच व साहिबाबाद थाना पुलिस के साथ मिलकर राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र व न्यू डिफेंस कॉलोनी भोपुरा में दो जगह पर सर्वे (रेड) किया। विभागीय अधिकारियों ने क्राइम ब्रांच व साहिबाबाद थाना पुलिस टीम को साथ लेकर सोमवार को राजेद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र प्लॉट नंबर 77 व न्यू डिफेंस कॉलोनी भोपुरा के प्लॉट संख्या ए/8 पर सर्वे किया। राजेंद्र नगर से नामी ब्रांड कंपनी की पेंडी दवाई, ओमेज डीएसआर व पेंडी के कैप्सूल खाली खोखे, पैकेजिंग मेटेरियल व उपकरण, हाईटेक बिलस्टर पैकेजिंग मशीन, हाईटेक कैप्सूल शैल एमबोसिंग मशीन, इंकजेट प्रिटिंग मशीन बरामद हुई। इसकी कीमत करीब 60 लाख रुपये है। जबकि न्यू डिफेंस कॉलोनी साइट से ग्लोकॉनॉर्म जी2 व जी1, टेल्मा एच, टेल्मा एम, पेंटोसिड डीएसआर, ओमेज डीएसआर, मॉबीजॉक्स, कच्चा माल, पैकेजिंग मेटेरियल व मशीन, वजन मशीन आदि बरामद हुए। इसकी सप्लाई दिल्ली से लेकर मुज़फ्फरनगर और देहरादून और वेस्ट उप्र के दर्जनों जनपदों मे थी।
इस घटनाक्रम को लेकर औषधी विभाग गाजियाबाद के ड्रग्स इंस्पेक्टर आशुतोष शर्मा ने बताया कि साहिबाबाद इलाके में नकली दवाई बनाने के काम को करीब एक साल से अंजाम दिया जा रहा था। साहिबाबाद थाने में नकली दवा बनाने, बेचने व धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। कंपनी संचालक विजय चौहान को गिरफ्तार किया।
कंपनी से ग्लोकॉनॉर्म जी2 व जी1, टेल्मा एच, टेल्मा एम, पेंटोसिड डीएसआर, ओमेज डीएसआर, मॉबीजॉक्स, कच्चा माल, पैकेजिंग मेटेरियल व मशीन, वजन मशीन आदि बरामद हुए। एक साल पहले ही राजेंद्र नगर में बोगस कंपनी खोली गई थी। कंपनी में तेलंगाना से कच्चा माल मंगाया जा रहा था। औषधी विभाग ने तेलंगाना के ड्रग्स ऑथिरिटी को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। ड्रग्स इंस्पेक्टर आशुतोष ने बताया कि 1.10 करोड़ रुपये कीमत की गैस, शुगर व बीपी की नकली दवाइयों की खेप पकड़ी। मौके से कच्चा माल, मशीन, दवाइयां बरामद हुईं। टीम ने 14 सैंपल जांच के लिए भी भेजे हैं।जनपद में नकली दवाइयां बनाने वालों पर लगातार नजर रखी जा रही है। नकली दवाईयों को बनाने के साथ सप्लाई करने वालों के नेटवर्क को तोड़ने पर भी काम हो रहा है।