Indo-Russia Relation : भारत रूस मैत्री संबंध को मिला मजबूती, दोनों देषों के बीच हुआ ये करार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भारत और रूस के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने नई दिल्ली में एक साथ बैठक की।

नई दिल्ली। भारत और रूस का मित्रतापूर्ण संबंध काफी पुराना और भरोसा का है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु  से भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्तिगत और प्रतिनिधिमंडल के स्तर पर बैठक की। इस बैठक में कई तरह के करार हुए। जिसका लाभ दोनों देषों को मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने नई दिल्ली में एक साथ वार्ता की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस हमारा विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साथी है। हमारे संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि और आपसी समझ और विश्वास में समान रुचि के आधार पर समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। क्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और इस क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करेगी।

वहीं, रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु की ओर से कहा गया कि हमारे देशों के संबंध के लिए इस समय सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। आज अंतर सरकारी आयोग की बैठक में रक्षा क्षेत्र सहयोग के बारे में रक्षा मंत्री के साथ हमारी विस्तृत चर्चा हुई। मुझे विश्वास है कि दोनों देश की एजेंसियां योगदान करेगी ताकि हम क्षेत्रीय विश्वास को बढ़ा सकें और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा को आगे बढ़ा सकें।

असल में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भारत और रूस के बीच पहली बार हो रही 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि ये हमारी चौथी बैठक है। ये भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। आज हमारे पास न केवल अपने द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक स्थिति पर चर्चा करने का अवसर है बल्कि हम पहली 2+2 बैठक में भी हिस्सा लेंगे। हमारे लिए वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन यूनिक इवेंट है।PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन विश्वास का रिश्ता साझा करते हैं। हम शिखर सम्मेलन से बहुत ही महत्वपूर्ण परिणामों की आशा कर रहे हैं। भारत-रूस के बीच साझेदारी यूनिक है।