नई दिल्ली। कोरोना काल के बाद लोगों की इस बात की उम्मीद थी कि महंगाई, बेरोजगारी की मार झेल रही मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स के स्लैब में कुछ राहत मिलेगी। लेकिन, यहां भी लोगों को पूरी तरह से मायूसी हाथ लगी है। यह लगातार 7वां ऐसा बजट था, जिसमें इनकम टैक्स स्लैब पर कोई चेंज नहीं किया गया है। इसके अलावा डिडक्शन को लेकर भी कोई राहत नहीं दी गई है। सरकार के लोग भले ही इसे जनहितकारी बजट साबित करने के लिए तर्क गढ़ेंगे, लेकिन देश की अधिसंख्या मिडिल क्लास को कुछ खास नहीं मिला है। टैक्स पेयर्स को ये राहत जरूर मिली है कि आईटीआर फाइल करने में और दो साल तक की राहत दी गई है। गलती पता चलने पर दो साल तक टैक्स चुकाकर अपडेटेट रिटर्न भरा जा सकेगा।
बजट में हर सेक्टर को ध्यान में रखा गया है। हालांकि इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया।महंगाई और टैक्स पर छूट को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ। देश में रोजगार को लेकर वित्त मंत्री ने ये जरूर कहा कि हमारे पास 60 लाख अतिरिक्त नौकरियां देने की क्षमता है। 100 साल के लिए ढांचागत सुविधा बढ़ाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स के लिए कई अहम ऐलान किए हैं। इनमें से एक बड़ा ऐलान अपडेटेड रिटर्न से जुड़ा है। अब टैक्सपेयर्स गलती पता चलने पर असेसमेंट ईयर के दो साल तक अपडेटेट रिटर्न भर पाएंगे। बता दें कि टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स के स्लैब पर किसी तरह की राहत नहीं मिली है। इनकम टैक्स रिटर्न का स्लैब जस का तस है। इसमें कोई सीधी रियायत नहीं दी गई है। वहीं, 80C में भी कोई छूट नहीं मिली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई के लिए कई अहम ऐलान किए गए हैं। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं। ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। इससे 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा।