मुंबई। हिंदी सिनेमा के शो मैन कहे जाने वाले राजकपूर के सबसे छोटे पुत्र राजीव कपूर का मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें उनके शानदार अभिनय और फिल्म निर्माण में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। राम तेरी गंगा मैली उनके जीवन की सबसे सफल फिल्मों में शुमार है। उन्होंने फिल्मों में अपनी शुरुआत 1983 में ‘एक जान हैं हम’ से की थी लेकिन उन्हें पहचान 1985 में आई ‘राम तेरी गंगा मैली’ फिल्म से मिली।
बता दें कि राजीव कपूर 58 वर्ष के थे। बताया जाता है कि उन्हें थोड़ी देर पहले दिल का दौरा पड़ा और जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता, उनका निधन हो गया। उनके बड़े भाई रणधीर कपूर आखिरी समय उनके साथ मौजूद रहे। पिछले साल अभिनेता ऋषि कपूर के निधन के बाद कपूर परिवार के लिए मंगलवार का दिन एक और बड़ा आघात लेकर आया। सुबह तक ठीक ठाक दिख रहे राजीव कपूर को नाश्ते के बाद हल्की सी बेचैनी महसूस हुई। वह कुछ समझ पाते या किसी को कुछ बता पाते तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ गया।
राजीव कपूर ने राज कपूर के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से अपनी पहचान बनाई थी।राजीव कपूर ने ‘आसमान’, ‘मेरे साथी’, ‘जबरदस्त’, ‘अंगारे’ और ‘हम तो चले प्रदेश’ सहित बॉलीवुड की कई फिल्मों काम किया और दर्शकों दिलों को जीता था, लेकिन राजीव कपूर को बॉलीवुड में असली पहली फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से मिली थी। इसके बाद वह कुछ ही फिल्मों में नजर आए थे। उन्होंने ऋषि कपूर के लीड रोल वाली फिल्म ‘प्रेम ग्रंथ’ का डायरेक्शन भी किया था।
राजीव कपूर ने ‘आसमान’, ‘लवर ब्वॉय’, ‘जबर्दस्त’ और ‘हम तो चले परदेस’आदी फिल्मों में भी अभिनय किया। हीरो के तौर पर उनकी अंतिम फिल्म ‘जिम्मेदार’ थी। इसके बाद उन्होंने निर्माण और निर्देशन की ओर रुख किया। वह फिल्म हिना के निर्माता थे, जिसका निर्देशन उनके सबसे बड़े भाई रणधीर कपूर ने किया था और अभिनय किया था ऋषि कपूर ने। राजीव कपूर तीन भाइयों और दो बहनों- रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, ऋतु नंदा और रीमा जैन में सबसे छोटे थे।