नई दिल्ली। सावन के पहले दिन से ही कई राज्यों में कांवड़ यात्रा शुरु हो चुकी है। कोरोना के कारण दो सालों तक इसकी अनुमति नहीं थी। इस बार लोगों में अधिक जोश देखा जा रहा है। लोग कांवड़ भरकर लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। हरिद्वार में गंगा से गंगाजल भरकर काफी संख्या में कांवडिए दिल्ली एनसीआर के इलाके में आते हैं।
हरिद्वार के पुलिस अधिक्षक एसके सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम किए गए हैं। इस तरह के आयोजन में हमेशा पुलिस फोर्स सतर्क रहता है। हमारे पास CCTV का पूरा जाल बिछा हुआ है, जिसकी मदद से मेला क्षेत्र की निगरानी की जाती है। इस बार ड्रोन से भी निगरानी करेंगे। कांवड़ यात्रा मार्ग पर अन्य सुविधाओं के लिए पुलिस लगातार अन्य विभागों से बात कर रही है। यहां पर शौचालय, पार्किंग, साफ सफाई आदि की व्यवस्था भी विभागों ने कर दी है।
रुड़की से लेकर नीलकंठ का 60 किलोमीटर हाइवे कांवड़ियों के आवगमन के लिए रहेगा। 13 से 27 जुलाई तक यहां पर अत्यधिक भीड़ रहेगी। लिहाजा, आम आदमी के लिए और पहाड़ी जिलों को जाने वालों के लिए अलग से रूट निर्धारित किए गए हैं। आम जनता से अपील है कि वह पहाड़ आने के लिए मेरठ-बिजनौर- कोटद्वार और मुजफ्फरनगर-देहरादून मार्ग का प्रयोग करें।
उज्जैन में सावन माह के दूसरे दिन महामंडलेश्वर ईश्वरानंद स्वामी महाराज के नेतृत्व में हजारों की संख्या में कावड यात्री उज्जैन बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन करने पहुंचे द्य यात्रा का शुभारम्भ शनि मंदिर स्थित त्रिवेणी संगम से हुआ। यात्रा करीब 1 किलोमीटर लंबी थी।