नई दिल्ली। वेस्टियन के अनुसार शीर्ष 7 शहरों में जून में समाप्त होने वाली तिमाही में पट्टे पर लिए गए ऑफिस के मामले में भारत के तीन प्रमुख दक्षिणी शहर बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में 59% हिस्से के साथ सबसे ज्यादा मांग रही।
बेंगलुरु स्थित रियलएस्टेटकंसलटेंट’वेस्टियन’ ने अपनी त्रैमासिक ऑफिस मार्किट रिपोर्ट ‘द कनेक्टQ2 2023’ जारी कर यह जानकारी दी। आंकड़ों के अनुसार इस कैलेंडर वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में ली गई कुल 13.9 मिलियन वर्ग फुट में से तीन प्रमुख दक्षिणी शहरों में 8.2 मिलियन वर्ग फुट ऑफिस की जगह पट्टे पर ली गई। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच बड़ी घरेलू कंपनियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निर्णय लेने में देरी के कारण सात शीर्ष शहरों में कार्यालय पट्टे अप्रैल-जून के दौरान 6प्रतिशत गिरकर 13.9 मिलियन वर्ग रह गये, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 14.8 मिलियन वर्ग फीट था।
हालाँकि, पिछली तिमाही की तुलना में माँग 17 प्रतिशत अधिक थी।
निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए वेस्टियन के सीईओश्रीनिवास राव ने कहा, “प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छा कर रही है। वित्त वर्ष 2023 की अंतिम तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में सुधार देखा गया। वित्तीय बाजारों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जो देश में व्याप्त सकारात्मक भावना को दर्शाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “2023 की तीसरी तिमाही के लिए हायरिंग के इरादों में सुधार हुआ है, जो भारत में विकास की संभावनाओं के प्रति आशाओं का संकेत है। भारतीय अर्थव्यवस्था का लचीलापन भारतीय ऑफिस मार्केट में भी दिख रहा है, पट्टे में वृद्धि और फंडिंग चुनौतियों का प्रभाव कम दिखा।”
राव ने रेखांकित करते हुए कहा कि पिछली तिमाही की तुलना में जून तिमाही के दौरान पट्टे लेने और पूर्ण निर्मित जगह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने प्रकाश डालते हुए कहा कि इंजीनियरिंग और विनिर्माण के बाद प्रौद्योगिकी क्षेत्र में पट्टे की गतिविधियों सबसे ज्यादा रहीं, जबकि बाजार की अनिश्चितता के बीच फूंक-फूंककर लिए गए पट्टे के निर्णयों के कारण फ्लेक्सस्पेस में भी तेजी आई।
राव ने कहा, “जैसे-जैसे वैश्विक बाजार स्थिर होंगे, साल की दूसरी छमाही के दौरान देश भर में रियलएस्टेट गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है।”
अप्रैल-जून 2023 बनाम अप्रैल-जून 2022:
चेन्नई में पट्टे पर ली गई जगह में 83% की वृद्धि देखी गई, जोकि1.2 मिलियन वर्ग फीट से बढ़कर 2.2 मिलियन वर्ग फीट हो गई।
बेंगलुरु में पट्टे 4.2 मिलियन वर्ग फीट से 12% कम 3.7 मिलियन वर्ग फीट ही लिए गये।
हैदराबाद में पट्टे की गतिविधि 2.4 मिलियन वर्ग फुट से 4 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 2.3 मिलियन वर्ग फुट पर आ गई।
महाराष्ट्र के दो प्रमुख ऑफिस मार्केटों में से मुंबई में पट्टे 2.4 मिलियन वर्ग फीट से 25% कम 1.8 मिलियन वर्ग फीट ही लिए गये।
लेकिन पुणे में मांग 1.7 मिलियन वर्ग फुट से 6 प्रतिशत बढ़कर 1.8 मिलियन वर्ग फुट हो गई।
दिल्ली-एनसीआर में ऑफिस के पट्टे में नरमी रही, और 2.1 मिलियन वर्ग फीट से 5 प्रतिशत गिरकर 2 मिलियन वर्ग फीट रह गई।
कोलकाता में, पट्टे की गतिविधियाँ 0.8 मिलियन वर्ग फुट से 88% गिरकर 0.1 मिलियन वर्ग फुट पर आ गईं।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने जून तिमाही में 26 प्रतिशत की उच्चतम बाजार हिस्सेदारी हासिल करते हुए पट्टे की गतिविधियों में एक प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र की पट्टे की गतिविधि में 19% हिस्सेदारी है, वहीं फ्लेक्सस्पेस ने 18 % की सम्मानजनक हिस्सेदारी हासिल की है।
ऑफिस की मांग के मामले में दक्षिण भारतीय शहर बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई आगे; अप्रैल-जून में 7 बड़े शहरों की कुल मांग में 59% हिस्सा: वेस्टियन
सालाना आधार पर 7 शहरों में जून में 6% कम रही मांग, लेकिन त्रैमासिक आधार पर 17% वृद्धि