नई दिल्ली। मानसून की शुरुआत होते ही भूजल की स्थिति और बीजों तथा उर्वरकों की उपलब्धता पर खास ध्यान देने की जरूरत है। इससे मालूम चलेगा दलहन का उत्पादन कैसा होगा। दर्ज बारिश के अनुसार उड़द की खेती अच्छी दर्ज की गई है। इस बाबत केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि चालू खरीफ बुआई के दौरान इस वर्ष दलहन की खेती के क्षेत्रफल में वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है। इसके लिए नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में खरीफ फसलों की प्रगति की समीक्षा की गई। इस ओर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दलहनों के क्षेत्रफल में विशेष रूप से तुअर व अरहर के क्षेत्रफल में पचास प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना देश की प्राथमिकता है और इस दिशा में ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। श्री चौहान ने यह भी दोहराया कि केन्द्र सभी राज्यों में उड़द, अरहर और मसूर की शत-प्रतिशत खरीद के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने इस मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया ताकि अधिक से अधिक किसान दलहन की खेती के लिए आगे आएं।
इस समीक्षा बैठक में शिवराज सिंह चौहान को मानसून की शुरुआत, भूजल की स्थिति और बीजों तथा उर्वरकों की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी गई। श्री चौहान ने खरीफ और रबी दोनों फसलों के लिए उर्वरकों की समय पर उपलब्धता पर जोर दिया। उर्वरक विभाग को राज्यों की मांग के अनुसार डीएपी उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई। बैठक के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के श्री संजीव चोपड़ा के साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग और उर्वरक विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।