नई दिल्ली। उम्मीदवार सेंटर नहीं चुन सकता है और सिर्फ शहर बदल सकता है। ऐसा कहना है एनटीए का। यह एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कही। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा कि 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है। 15000 छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था। हालांकि एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार सेंटर नहीं चुन सकता। सेंटर का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा किया जाता है। सेंटर का अलॉक्शन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है।
एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि अंडरग्रेजुएट मेडिकल काउंसलिंग 24 जुलाई से शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को एनईईटी यूजी के शहर और केंद्र-वार परिणाम शाम 5 बजे तक प्रकाशित करने को कहा है। शुक्रवार को यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उम्मीदवारों की पहचान उजागर न हो। सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।