हिताची एनर्जी ने ‘टेक्नोलॉजी कोलोक्वियम’ की शुरुआत की: ऊर्जा परिवर्तन और सतत ग्रिड के लिए नई पहल

टेक कोलोक्वियम जैसे फोरम्‍स मौजूदा एवं आने वाले समय में बिजली की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए स्‍टूडेंट्स को बिजली से जुड़े नए-नए काम सीखने में मदद करते हैं।

नई दिल्ली। हिताची एनर्जी ने इंजीनियरिंग छात्रों के लिए एक नई पहल ‘टेक्नोलॉजी कोलोक्वियम – टेक्नोलॉजीज फॉर एनर्जी ट्रांजिशन एंड सस्टेनेबल ग्रिड’ की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को बिजली क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों और स्वच्छ भविष्य की दिशा में मिलकर काम करने के तरीकों के बारे में जागरूक करना है।

कंपनी का मानना है कि ऊर्जा परिवर्तन इस समय की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है। 1949 से भारत में पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करती आ रही हिताची एनर्जी ने, अब 75 साल पूरे होने के अवसर पर, इंजीनियरिंग छात्रों को इस क्षेत्र में नए अवसरों और तकनीकों के बारे में बताने का निर्णय लिया है।

पृथ्वी पर कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य सिर्फ एक कंपनी या टीम का नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। हिताची एनर्जी का मानना है कि इसके लिए हमें युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें नई तकनीकों से अवगत कराने की आवश्यकता है। कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग से ही हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। कंपनियां छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान कर सकती हैं, जबकि स्कूल और कॉलेज नई-नई विचारधाराएँ पेश कर सकते हैं।

‘टेक्नोलॉजी कोलोक्वियम’ जैसे मंच युवाओं, ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों और हिताची एनर्जी के नेताओं को एक साथ लाते हैं ताकि वे बिजली से संबंधित समस्याओं और उनके समाधानों पर विचार कर सकें।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) में आयोजित इस कोलोक्वियम में एन वेणु, एमडी और सीईओ, भारत और दक्षिण एशिया, हिताची एनर्जी, डॉ. गेरहार्ड साल्गे, ग्लोबल सीटीओ, हिताची एनर्जी, और अन्य प्रमुख उद्योग और शैक्षणिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस सत्र में, ऊर्जा नेटवर्क के भविष्य, उन्नत तकनीकों, ऊर्जा परिवर्तन के लिए आवश्यक शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग में आवश्यक दक्षताओं पर चर्चा की गई।