कोलकाता। केंद्र सरकार की किसान नीतियों के विरोध में और नए कृषि कानून के विरोध में बीते कई महीनों से किसान आदंलन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता पूरे देश में घूम घूम कर किसानों को एक साथ लाने का प्रयास कर रहे है। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) की बैठक हुई। उसके बाद मुख्यमंत्री ने किसानों को हरसंभव मदद का ऐलान किया।
इस बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) ने कहा कि किसान आंदोलन का हम पूरा समर्थन कर रहे हैं। जब तक इनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम किसानों को समर्थन करने के लिए तैयार हैं। किसान आंदोलन 7 महीने से चल रहा है, जनवरी महीने से केंद्र सरकार ने इनसे बात नहीं की है। हमारी भी मांग है कि 3 कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कृषि और स्थानीय किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। राकेश टिकैत ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वह किसान आंदोलन का समर्थन जैसी करती थी वैसे ही करती रहेंगी। इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। पश्चिम बंगाल को मॉडल स्टेट के रूप में काम करना चाहिए और यहां के किसानों को अधिक लाभ मिले हम यही चाहते हैं।
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले (Ashok Dhawle) ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि 3 कानूनों कि सिवा किसानों के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान सभा की तरफ से इसकी कड़ी निंदा करते हैं। कृषि कानून जबतक रद्द नहीं होंगे,आंदोलन खत्म नहीं होगा।
गौर करने योग्य यह भी है कि आज सुबह ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने भी किसानों के साथ वार्ता होने के साथ संकेत दिए थे। दोपहर बाद उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों से किसानों केा हुए लाभ का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में खरीफ की फसलों का MSP घोषित करने का निर्णय हुआ है। धान जो सामान्य स्तर का है उसका भाव 1868 रुपये प्रति क्विंटल था, 2021-22 में ये 1940 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।