बिहार में कानून व्यवस्था की उड़ रही है धज्जियां, नाकाम है सीएम नीतीश कुमार

बिहार के एक अपर मुख्य सचिव CM नीतीश कुमार और उनकी काल कोठरी के भ्रष्ट अधिकारियों के ख़िलाफ सैंकड़ों पन्नों के ठोस साक्ष्य सहित FIR दर्ज कराने थाने पहुँचे है लेकिन उनका FIR नहीं लिया जा रहा है।

पटना। बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दल राजद लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर रही है। सत्ता और विपक्ष के कई विधायकों की यह भी शिकायत है कि अधिकारी उनके नहीं सुनते। हाल ही में यह विवाद जोरों पर था। अब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि राज्य में कानून व्यवस्था केवल कहने के लिए है। किसी की यहां नहीं सुनी जाती है।

राजद नेता व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार सरकार में एक IAS अधिकारी जो मुख्य सचिव के पद पर है पिछले 5-6 घंटे से थाने में बैठे हैं। थाने में उनकी FIR दर्ज़ नहीं हो रही। एक मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी पूरे सबूतों के साथ मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों पर FIR करने पहुंचता है लेकिन FIR दर्ज़ नहीं होती। हमने नहीं देखा कि इस तरह से मुख्यमंत्री पर आरोप लगता हो और तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा हो। शिकायत दर्ज़ नहीं हो रही है। शिकायत दर्ज़ कर लीजिए फिर पता चल जाएगा की क्या मामला है। इसमें डर किस बात का है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आकर बताना चाहिए।

तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में एक अपर मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को FIR दर्ज कराने के लिए तरसना पड़ रहा है। बिहार में आप गवर्नेंस की बस कल्पना करिए! ऐसे ही थोड़े ना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह कहलाए जाते है। मुख्यमंत्री ने कुछ गलत नहीं किया तो फिर FIR से क्यों डरे हुए है?

बीते कुछ दिनों से बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ी है। मीडिया में भी लगातर अपराध की घटनाएं छपती रही हैं। आम जनता भी इसको लेकर सवाल कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी विधायक इन घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार और उनकी सरकार से जवाब मांगेगे।