हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, हिंसक हो गया है किसान आंदोलन

बीते सात महीने से दिल्ली की सीमा पर हो रहे किसान आंदोलन से अब नकारात्मक खबरें आने लगी है। पहले पैसा वसूलने का आरोप और आज एक किसान की मौत पर मुख्यमंत्री की ओर से टिप्पणी की गई है।

नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर लोगों में सहानुभूति थी। आम जनता भी किसानों के साथ थे। जब तक केंद्र सरकार के साथ किसानों की वार्ता चल रही थी, सभी को उम्मीद थी कि आंदोलन का कोई हल निकलेगा। मगर समय के साथ उम्मीदें खत्म होती गई और राजनीति हावी होती गई।

ये बात कोई एक व्यक्ति नहीं, बल्कि आज की तारीख में अधिकांश लोग कह रहे हैं। किसान नेता अब आपस में एकसाथ नहीं दिखते। बताया गया है कि टिकरी बॉर्डर पर एक किसान को पेट्रोल डालकर जला देना मामला प्रकाश में आया है। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की ओर से कहा गया है कि इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस जांच कर रही है। गृहमंत्री के अनुसार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि कसार, जींद के एक 42 वर्षीय निवासी ने किसानों के धरना स्थल पर कथित तौर पर आग लगाने के बाद दम तोड़ दिया। इसको लेकर किसान संगठनों और आंदोलन कर रहे किसानों में कई तरह की बातें हो रही हैं। कहा जा रहा है कि इससे किसान आंदोलन को झटका लगेगा।

इस संदर्भ में हरियाणा सरकार की ओर से कोई कानूनी कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से कहा गया है कि किसान आंदोलन अगर शांति के साथ चलता रहे तो हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसमें जो हिंसात्मक और अनैतिक गतिविधियां होने लग गई हैं, यह बुहत चिंता का विषय है। आंदोलन स्थल महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का अड्डा बन गया है।

गौर करने योग्य यह भी है कि इससे पहले आज भी भारतीय किसान यूनियन के एक गुट की ओर से राकेश टिकैत पर आंदोलन के नाम पर पैसा वसूलने की बात कही गई है। बीते कुछ दिनों से राकेश टिकैत कई क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। टीकरी बाॅर्डर पर हुई इस घटना को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी इसकी व्यापक जांच की मांग की है।