डॉ धनंजय गिरि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की अपनी यात्रा समाप्त कर आज स्वदेश लौट रहे हैं। इस दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई दिग्गजों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस से अमेरिका पहुंचे थे। ट्रंप ने जनवरी में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद भारत के साथ पहली द्विपक्षीय वार्ता की मेजबानी की।
व्यापार एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा एवं सुरक्षा, ऊर्जा और दोनों देशों के नागरिकों के संबंधों को मजबूत करने के लिए उच्चस्तरीय बैठकें हुईं। अमेरिका भारत को अरबों डॉलर की सैन्य आपूर्ति करेगा। भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ। भारत में अमेरिका तेल और गैस का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनने के लिए सहमत हुआ। भारत और अमेरिका कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खतरे का मिलकर सामना करेंगे।
अमेरिका मुंबई (26/11) हमले में शामिल तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने पर सहमत हुआ। दोनों देश भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर मिलकर काम करेंगे। निकट भविष्य में बड़े व्यापार सौदों की घोषणा संभव है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि 2030 तक दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। वाशिंगटन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि 2030 तक भारत और अमेरिका का व्यापार दोगुना से अधिक होगा। इसके लिए दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर्स और रणनीतिक खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर ध्यान देंगे।
भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी से मुलाकात, जिसमें भारत-अमेरिका संबंधों, नवाचार और जैव प्रौद्योगिकी पर चर्चा हुई। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज से मुलाकात, इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी उपस्थित रहे। तुलसी गबार्ड – अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक से ब्लेयर हाउस में मुलाकात, भारत-अमेरिका मैत्री पर विचार-विमर्श किया गया। स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क से भेंट, जिसमें अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं पर बातचीत हुई। मस्क को हाल ही में ट्रंप सरकार के नवगठित सरकारी दक्षता विभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद से बेहतर वार्ताकार बताया। उन्होंने कहा कि मोदी और उनका कोई मुकाबला नहीं है। ट्रंप ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में अमेरिका भारत के साथ व्यापक स्तर पर व्यापार करेगा। गौरतलब है कि भारत ने रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में समझौतों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जाहिर की है।
भारत और अमेरिका के बीच कई जटिल और लंबित मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसके तहत दोनों देशों ने समझौते और वार्ताओं को आगे बढ़ाया। यही कारण है कि अब व्यापारिक समझौतों को लेकर चर्चाएं हो रही हैं और टैरिफ से जुड़े मामलों में सहमति की बात सामने आ रही है। वहीं, अवैध प्रवासियों की वापसी पर भारत ने अपना कड़ा रुख अपनाया है। अब खुद ट्रंप ने भी स्वीकार किया है कि प्रधानमंत्री मोदी उनसे अधिक प्रभावी और दृढ़ निश्चयी वार्ताकार हैं।
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दोनों देश जल्द ही एक बड़े व्यापार समझौते पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क को अनुचित और अत्यधिक कड़ा करार दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि कोई देश अमेरिका पर शुल्क लगाता है, तो हम भी उसी तरह का शुल्क लगाएंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत जिस तरह अमेरिका के साथ व्यापार कर रहा है, अमेरिका भी भारत के साथ वैसा ही व्यवहार करेगा।
गौरतलब है कि ट्रंप की यह बैठक उनकी नई जवाबी शुल्क नीति की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद हुई। यह नीति उनके प्रशासन द्वारा व्यापारिक साझेदारों के प्रति उठाए गए कदमों की श्रृंखला का नवीनतम हिस्सा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की यह यात्रा भारत और अमेरिका के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने में महत्वपूर्ण रही और दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।