नई दिल्ली। बेदाद को हम अपने नजरिए से आपको बताते हैं। वर्ष के सर्वश्रेष्ठ युगल से सम्मानित होने वाले पेशे से डॉक्टर आदि और उनकी पत्नी अपूर्वा का सामना एक मनोरोगी से होता है जो उन्हें अपने ही घर में फंसा लेता है। अपने ही घर में बंधक बनाए जाने का अनुभव करने के दौरान, दंपति एक-दूसरे पर अपने अतीत के बारे में संदेह करने लगते हैं। जबकि पत्नी सोचती है कि मनोरोगी या तो उसके पति का मरीज है या उसका उसके अतीत से कोई लेना-देना है, डॉक्टर को संदेह है कि क्या वह उसकी पत्नी के अतीत से जुड़ा है।
जब ड्यूटी पर तैनात पुलिसवाले अपने घर पहुंचते हैं, तो होशियारी और हौसले का खेल होता है। इस बीच घर में घुसपैठिए की मंशा को लेकर और भी खुलासे हो रहे हैं। छिपी हुई कहानियाँ एक के बाद एक टकराती हैं। तब यह खुलासा होता है कि साइको को बचपन में एक दर्दनाक अनुभव हुआ था। बात तो ठीक है, लेकिन अब तक की मनोरंजक थ्रिलर में एक आइटम नंबर की क्या जरूरत थी? कैसे सक्षम और शक्तिशाली लोग आम आदमी का फायदा उठा सकते हैं, यह इशारा करती हुई कहानी अंत की ओर खिंचने लगती है।
शुरूआती दौर में आदर्श युगल के रूप में पीयूष सुहाने और रितु पांडे काफी बनावटी दिखाई दिए, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह डॉक्टर और प्रोफेसर की जोड़ी आप पर हावी होने लगती है। हालांकि इनमें एक पायदान बेहतर आर्यन विकल हैं क्योंकि मानसिक रोगी के रूप में उन्होंने अपनी भूमिका को पूरी शिद्दत से निभाया है और उनमें एक प्रॉमिसिंग फ्यूचर नजर आता है।फिल्म का मुख्य आकर्षण कहानी के अंत में सार्थक कोरियोग्राफ किया गया गाना है और यह कौशल महावीर का मनोरम संगीत है।
रेटिंग 3 स्टार्स
शैलीः थ्रिलर
कलाकारः आर्यन विकल, पीयूष सुहाने, रितु पांडे
निर्देशकः अनिल रामचंद्र शर्मा