Kisan Andolan : हरियाणा सरकार के लिए भी मुसीबत, करनाल में किस टस से मस नहीं हो रहे

किसानों का कहना है कि करनाल के एसडीएम ने गलती की है, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने कह दिया कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। चाहे गलती किसान ने ही क्यों न की हो ? अब किसान नेता क्या कहेंगे ?

करनाल। हरियाणा सरकार के लिए किसान आंदोलन मुसीबत बन चुका है। आंदोलनरत किसानों से स्थानीय प्रशासन बात कर रहा है, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए। नतीजा, मिनी सचिवालय पर किसानों ने डेरा डाले हुए हैं। दिन-रात वहां डटे हुए हैं। वहीं पर लंगर की व्यवस्था कर दी गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक दोषी आधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, किसान वहीं रहेंगे।

गौर करने योग्य यह भी है कि दिल्ली की सीमाओं पर बीते 9 महीने से अधिक समय से किसान धरना पर बैठे हैं। किसान नेताओं की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। इसी सिलसिले में किसान संगठनों ने करनाल में महापंचायत किया था। वहां पर किसानों के उपद्रव को देखते हुए प्रशासन की ओर से वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद किसानों ने करनाल के मिनी सचिवालय को घेर लिया।

भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि करनाल मिनी सचिवालय पर हमारा धरना जारी रहेगा। धरना स्थल मिनी सचिवालय ही रहेगा, जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक किसान का संघर्ष जारी रहेगा ।

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि किसान करनाल में आंदोलन कर रहे हैं, हमारे अधिकारी लगातार उनसे वार्ता कर रहे हैं। हम निष्पक्ष जांच कराने के लिए तैयार हैं, हम सिर्फ एसडीएम की नहीं, पूरे करनाल एपिसोड की जांच कराएंगे। अगर किसान दोषी होंगे तो उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई होगी।