नई दिल्ली। भारत के सबसे महानतम खिलाड़ियों में से एक 48 वर्षीय राहुल द्रविड़ पिछले छह वर्षों से भारत ए और अंडर -19 प्रणाली के प्रभारी हैं। उनकी देखरेख मे ऋषभ पंत, अवेश खान, पृथ्वी साव, हनुमा विहारी और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों ने जूनियर स्तर से राष्ट्रीय टीम का सफर तय किया है। पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ यूएई (संयुक्त अरब अमीरत) में खेले जाने वाले टी20 विश्व कप के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बनने के लिए तैयार हो गये हैं।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘हां, राहुल 2023 विश्व कप तक भारतीय टीम को कोचिंग देने के लिए सहमत हो गए हैं। शुरू में, वह अनिच्छुक थे, लेकिन यह समझा जाता है कि अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने राहुल के साथ आईपीएल फाइनल के दौरान बैठक की थी और जिम्मेदारी के लिए उन्हें मनाने में सफल रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह अंतरिम जिम्मेदारी नहीं होगी।’
यह समझा जा रहा है कि द्रविड़ के भरोसेमंद पारस महाम्ब्रे टीम के गेंदबाजी कोच होंगे जबकि विक्रम राठौर के बल्लेबाजी कोच के रूप में बने रहने की संभावना है। यह पता चला है कि बीसीसीआई अब भी इस पद के लिए एक विज्ञापन देगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है।
रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम की सफलता को देखने के बाद बीसीसीआई फिर से भारतीय कोच नियुक्त करना चाहता है लेकिन उस कद के कम ही विकल्प है। एक पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज ने पहले ही मौजूदा टीम प्रणाली में कोच बनने से इनकार कर दिया था क्योंकि विराट कोहली अभी भी टेस्ट और एकदिवसीय कप्तान बने हुए हैं।
यह पता चला है कि कुछ पूर्व दिग्गज खिलाड़ी कोहली के नेतृत्व वाली टीम को कोचिंग देने से कतराते थे। उनके पितृत्व अवकाश के दौरान ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की शानदार जीत के बाद हालांकि इस स्थिति में बदलाव हुआ है। शास्त्री को बीसीसीआई से उनकी सेवाओं के लिए लगभग साढ़े आठ करोड़ रुपये मिलता है। यह समझा जाता है कि बीसीसीआई द्रविड़ को भी बड़ी राशि की पेशकश कर रहा है, जो उनके एनसीए पारिश्रमिक के साथ-साथ शास्त्री के वर्तमान वेतन से अधिक होगा।