प्रयागराज। भारत का अग्रणी अगरबत्ती ब्रांड आईटीसी मंगलदीप, महाकुंभ 2025 के आध्यात्मिक अनुभवों को पुनः परिभाषित करने के लिए अत्याधुनिक थ्रीडी ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) तकनीक को शामिल करके भक्ति में जुड़ाव का एक नया मानक स्थापित कर रहा है। यह अभिनव पहल श्रद्धालुओं को एक ऑनलाइन द्वार प्रदान करती है, जिससे वे महाकुंभ के पवित्र अनुष्ठानों जैसे शाही स्नान, दीपदान और आरती को अपने घरों में अनुभव कर सकते हैं। आधुनिक तकनीक के साथ विश्वास के शाश्वत स्वरूप को जोड़ते हुए, आईटीसी मंगलदीप न केवल भक्ति को समृद्ध करता है बल्कि विश्व के सबसे श्रद्धेय आध्यात्मिक आयोजनों में से एक की पहुंच को भी व्यापक बनाता है।
हर 12 वर्षों में होने वाला यह दुर्लभ और पवित्र महाकुंभ पृथ्वी का सबसे बड़ा आध्यात्मिक संगम है, जिसमें 2025 में 400 मिलियन (40 करोड़) से अधिक श्रद्धालुओं के एकत्र होने की संभावना है। यह समझते हुए कि यहां लाखों लोग शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो पाएंगे, आईटीसी मंगलदीप की एआर-संचालित पहल इस अंतर को पाटती है और सुनिश्चित करती है कि महाकुंभ की परिवर्तनकारी भावना विश्व के हर कोने में पहुंचे।
एक अनूठे एआर अनुभव के माध्यम से आईटीसी मंगलदीप ने एक व्यक्तिगत भक्ति फ़िल्टर पेश किया है जो उपयोगकर्ताओं को विशिष्ट महाकुंभ का स्मृति चिन्ह बनाने की सुविधा देता है। इसके माध्यम से श्रद्धालु वर्चुअली अनुष्ठानों में भाग ले सकते हैं, अपने आध्यात्मिक क्षणों को कैद कर सकते हैं और इन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा कर सकते हैं, जिससे पवित्र ऊर्जा को श्रद्धास्थल से परे फैलाया जा सके।
इस नवाचार को और खास बनाते हुए मंगलदीप एक हाइब्रिड दीपदान समारोह आयोजित कर रहा है, जहां एआर उपयोगकर्ताओं द्वारा की गई वर्चुअल भेंटों को हर सप्ताह गंगा नदी में भौतिक रूप से समर्पित किया जाएगा। डिजिटल और भौतिक संसार के इस सुगम समेकन से एक गहरी व्यक्तिगत जुड़ाव बनती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि महाकुंभ का सार व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अनुभव किया जा सके।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए आईटीसी के माचिस और अगरबत्ती डिवीजन के डिविज़नल सीईओ श्री गौरव टायल ने कहा कि महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं है; यह विश्वास, परंपरा और आध्यात्मिकता का एक गहन संगम है। आईटीसी मंगलदीप में हमें यह पवित्र अनुभव उन लाखों लोगों के करीब लाने का विस्वास है, जो शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकते। हमारी एआर पहल न केवल दूरियों को पाटती है, बल्कि परंपरा और नवाचार के बीच संबंध को भी गहराती है, यह सुनिश्चित करते हुए कि ईश्वर की कृपा सरहदों से परे सभी तक पहुंचे।
इस अभूतपूर्व अभियान के माध्यम से आईटीसी मंगलदीप दर्शकों को महाकुंभ के साथ पहले कभी न देखे गए तरीके से जुड़ने का मौका देता है। यह एक अनूठी एआर यात्रा प्रदान करता है, जो डिजिटल युग में भक्ति की भावना को संजोती है। यह पहल दिखाती है कि तकनीक कैसे विश्वास और परंपरा को प्रबल बना सकती है, आध्यात्मिक जुड़ाव के एक नए युग को प्रेरित करती है।
इस ऐतिहासिक पहल के बारे में अधिक जानकारी के लिए, (https://mangaldeep.makear.ai/) पर जाएं। आइये, अनुभव करें महाकुंभ 2025 का- जहां विश्वास और नवाचार मिलते हैं और भक्ति सीमाओं से परे जाती है।