किसान महापंचायत से पहले प्रशासन सतर्क, पीएसी की है तैनाती

नए कृषि कानूनों का विरोध जारी है। किसान और सरकार के बीच बातें हुईं, मगर सुलझी नहीं। उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन किसान महापंचायत का आयोजन कर रही है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने पीएसी और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है।

नई दिल्ली। किसान आंदोलन सरकार के लिए गले की फांस बन चुका है। बीते 9 महीने से अधिक का समय बीत चुका है। इसका कोई समाधान नहीं निकल रहा है। इस बीच किसान मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन किया गया है। आज हजारों की संख्या में किसानों के इसमें शामिल होने की बात है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए, इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने पीएसी की तैनाती की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार,रविवार को होने वाली ‘किसान महापंचायत’ के लिए प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की छह कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियां तैनात की जाएंगी। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के महासचिव और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मोर्चा के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानून, गन्ना समर्थन मूल्य और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र सहित देश भर के किसान कार्यक्रम में भाग लेंगे।

सहारनपुर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) प्रीतिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी जबकि पांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), सात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और 40 पुलिस निरीक्षक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।
गौर करने योग्य यह भी है कि दिल्ली की सीमाअें पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर किसान सपंर्क अभियान चलाते रहे हैं। हाल ही में हरियाणा में भी किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था। इसमें हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया था।