आखिर यूक्रेन से क्यों अपना दूतावास खाली कर रहा है अमेरिका

वाशिंगटन। पश्चिमी खुफिया अधिकारियों द्वारा यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का खतरा जताए जाने के बीच अमेरिका यूक्रेन में अपने दूतावास को खाली करने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि विदेश मंत्रालय जल्द ही यह घोषणा करने वाला है कि रूसी आक्रमण की आशंका के मद्देनजर कीव दूतावास के सभी अमेरिकी कर्मचारियों को पहले ही देश छोड़ना होगा। विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।

मंत्रालय ने पहले यूक्रेन में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों के परिवारों को देश छोड़ने का आदेश दिया था। इसके अलावा गैर-आवश्यक कर्मियों से कहा गया था कि वे वहां से प्रस्थान करना चाहते हैं या नहीं, यह उनके विवेक पर निर्भर है। नया कदम ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका ने यूक्रेन पर संभावित रूसी आक्रमण के बारे में अपनी चेतावनियों को बढ़ा दिया।

अधिकारियों ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि सीमित संख्या में अमेरिकी राजनयिकों को यूक्रेन के सुदूर पश्चिम में नाटो के सहयोगी पोलैंड के साथ लगती सीमा के पास स्थानांतरित किया जा सकता है, ताकि देश में अमेरिका की राजनयिक उपस्थिति बरकरार रखी जा सके।

मेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट की खुफिया मामलों की समिति के दो डेमोक्रेट सदस्यों ने दावा किया है कि देश की खुफिया एजेंसी सीआईए के पास गुप्त और अप्रकाशित डेटा का संग्रह है, जिसमें अमेरिकी नागरिकों की जानकारी भी शामिल है। सीनेट के दोनों सदस्यों ने आरोप लगाया कि लंबे समय से चल रहे सीआईए के गुप्त कार्यक्रम को लोगों और संसद से छिपाकर रखा गया। ओरेगन राज्य से सीनेटर रॉन विडेन और न्यू मेक्सिको से सीनेटर मार्टिन हेनरिच ने शीर्ष खुफिया अधिकारी को पत्र लिखकर कार्यक्रम की और अधिक जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी।

यह पत्र अप्रैल 2021 में लिखा गया था, जिसका एक बड़ा हिस्सा बृहस्पतिवार को सार्वजनिक किया गया, लेकिन सीआईए द्वारा जारी दस्तावेजों को हटा दिया गया। विडेन और हेनरिच ने कहा, ‘‘कांग्रेस (संसद) और जनता का मानना है कि कानूनी ढांचे से परे जाकर यह कार्यक्रम चलाया गया।’’ गौरतलब है कि सीआईए और नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी का एक विदेशी मिशन है और आम तौर पर उसे अमेरिकियों या अमेरिकी कारोबार की जांच से निषिद्ध किया गया है।