नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सही तरीके से नहीं चल पा रहा है। विपक्षी सांसदांं के हो-हल्ला के कारण दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा है। महंगाई, जासूसी कांड, किसानों का मसला, कोरोना आदि मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसद लगातार आवाज उठा रहे हैं।
संसद भवन परिसर में शिरोमणि अकाली दल के सांसदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। शिरोमणि अकाली दल की नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ सिर्फ शिरोमणि अकाली दल खड़ा है, कांग्रेस अपनी कुर्सी बचाने में लगी हुई है।
दूसरी ओर, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के किसान लगातार अपनी मांगों पर अड़े हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि लोकतांत्रिक देश में सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है, लेकिन जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। सरकार को सितंबर तक का समय है सरकार किसानों की बात मानकर कानून वापस ले एमएसपी को कानून बनाए अन्यथा इस बार संघर्ष बड़ा होगा किसानों के ट्रैक्टर लाल किले का ही नहीं संसद का भी रास्ता जानते हैं।
कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश का किसान 8 महीने से कृषि कानूनों की वापसी के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा है। किसान की आवाज़ सुनने का समय सरकार के पास नहीं है लेकिन फोन टैपिंग कर विपक्ष, न्यायपालिका और मीडिया की बात सुनने का पूरा समय इस सरकार के पास है।
दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद महंगाई और जासूसी के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं कि पहले डिस्कसन उसके बाद प्रेजेंटेशन। अगर वे डिस्कसन नहीं चाहते और सभी सांसदों को प्रेजेंटेशन देना है तो सेंट्रल हाल में दें। अगर कोविड की वजह से आप एक ही जगह नहीं बैठा सकते तो 2 दिन कर सकते हैं या सुबह शाम एक दिन में भी कर सकते हैं।