नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पवित्र अमरनाथ गुफा के निकट बादल फटने के बाद आए सैलाव से हुई जानमाल की क्षति को ठीक करने और राहत काय्र में अर्द्धसैनिक बलों के साथ सेना मोर्चा पर डटी हुई है। सुबह से ही राहत अभियान में तेजी लाई गई है। सेना के विशेष दस्ते को मोर्चे पर लगा दिया गया है। वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक लोग इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं।
अमरनाथ में बादल फटने के बाद बालटाल में भारतीय सेना बचाव अभियान में लगी है। NDRF के DG अतुल करवाल के मुताबिक, बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। लेफ्टिनेंट कर्नल सचिन शर्मा का कहना है कि बचाव अभियान जारी है। भारतीय सेना, राज्य पुलिस, NDRF, SDRF की फोर्स समन्वय से काम कर रहे हैं। अभी तक करीब 28 लोग आए हैं जो घायल हैं। गंभीर रूप से घायल लोगों को श्रीनगर में शिफ्ट किया है। भारतीय और वायु सेना के कुल 8 हेलीकॉप्टर बचाव अभियान में लगे हैं।
आज सुबह बादल फटने की घटना के बाद प्रभावितों को निकालने के लिए सेना के जवान नीलग्रार के बालटाल पहुंचे। नोडल चिकित्सा अधिकारी मेजर पंकज कुमार ने बताया, “10 मरीज आए थे जिनको हमने प्राथमिक चिकित्सा देकर बालटाल अस्पताल भेजा है। हमारे पास असल आंकड़े नहीं है।”
अमरनाथ में बादल फटने की घटना में 16 लोगों की मृ्त्यु की खबर है, 40 लोग लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
#WATCH जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ में बादल फटने की घटना में 16 लोगों की मृ्त्यु की खबर है, 40 लोग लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
(सोर्स: चिनार कॉर्प्स) pic.twitter.com/sMrlrgU9iU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2022
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुला ने कहा कि आज तक उस जगह पर कैंप नहीं लगाए गए थे, ऐसा पहली बार हुआ है। पंजतरणी में कोई भी कुछ नहीं लगा सकता, ऐसा हमेशा से चलता आ रहा है। मेरे हिसाब से इसकी जांच होनी चाहिए। इंसान की भी गलती हो सकती है। हम पीड़ित परिवारजनों के साथ हैं। अमरनाथ यात्रा में जो घटना घटी है वह दुखद है। हम उम्मीद करेंगे कि सरकार इस पर जांच बैठाए कि यह कैसे और क्यों हुआ और साफ चीजें लोगों के सामने लाए। सरकार पीड़ित परिवारजनों को अच्छा मुआवाज़ा भी दे।