नई दिल्ली। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न अपने आगामी ऐतिहासिक धारावाहिक चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान के साथ वीरता, नेतृत्व और विरासत की एक महागाथा को जीवंत करने जा रहा है। यह भव्य प्रस्तुति पृथ्वीराज चौहान की असाधारण यात्रा को दर्शाएगी, जिसमें एक मासूम युवा राजकुमार के रूप में उनके आरंभिक दिनों से लेकर भारत के सबसे प्रतिष्ठित सम्राट योद्धाओं में से एक बनने तक के सफर को दिखाया जाएगा। शो उनके प्रारंभिक जीवन को उजागर करता है — जिसमें उनके संघर्ष, विजय और वे क्षण शामिल हैं जो उन्हें एक महान शासक के रूप में परिभाषित करते हैं।
इस प्रभावशाली कलाकारों की टीम में शामिल हो रही हैं बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री अनुजा साठे, जो सम्राट पृथ्वीराज चौहान की गरिमामयी एवं विवेकशील माता कर्पूरा देवी की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। अनुजा इस भूमिका में गरिमा, गंभीरता और भावनात्मक गहराई लेकर आती हैं। कर्पूरा देवी एक ऐसी महिला हैं, जो परंपरा, आंतरिक शक्ति और मातृत्व भावना में दृढ़ता से रची-बसी हैं। पृथ्वीराज के जीवन की एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में, कर्पूरा देवी न केवल उनकी भावनात्मक आधारशिला हैं बल्कि उनके जीवन की स्थिरता और सहनशीलता का प्रतीक भी हैं।
शो का हिस्सा बनने को लेकर अपने विचार साझा करते हुए अनुजा साठे ने कहा, “मैं स्वयं को इतिहास और विभिन्न संस्कृतियों से गहराई से जुड़ा हुआ महसूस करती हूँ। जब मुझे यह भूमिका ऑफर की गई, तब मुझे पता था कि मुझे इसे ज़रूर करना है। एक कलाकार के रूप में मेरा मानना है कि सबसे प्रभावशाली भूमिकाएँ वही होती हैं जो आपको स्क्रिप्ट से परे जाकर कुछ महसूस कराएँ — और मेरे लिए कर्पूरा देवी की भूमिका वैसी ही है। शुरुआत से ही मैं कर्पूरा देवी की भावनात्मक परतों और गरिमा से आकर्षित हुई — वह केवल पारंपरिक अर्थों में माँ नहीं हैं, बल्कि एक ऐसी स्त्री हैं जो अपने पुत्र की नियति को समझती हैं और चुपचाप उसे उसके लिए तैयार करती हैं। कर्पूरा देवी के व्यक्तित्व में एक विशेष यथार्थ और संतुलन है, और उस मानसिकता में प्रवेश करने के लिए मुझे भीतर से बहुत काम करना पड़ा। मुझे आज भी याद है कि जब पहली बार मैंने उनकी शाही पोशाक और भव्य आभूषण पहने, तो मेरे भीतर कुछ बदल गया। मैंने जब आईने में देखा, तो पहली बार अनुजा नहीं दिखी — बल्कि मैं खुद को कर्पूरा देवी के रूप में देख रही थी। उस क्षण मुझे रोंगटे खड़े हो गए। मुझे उस विरासत का भार महसूस हुआ, जिसमें मैं प्रवेश कर रही थी, और यह ज़िम्मेदारी महसूस हुई कि मैं इस भूमिका के साथ न्याय कर सकूं।”