ट्रक में बप्पी लाहिड़ी की पत्नी चित्राणी, बेटा बप्पा और बेटी रीमा के साथ कई अन्य परिजन भी थे। ट्रक के पीछे कई कारों का काफिला था, जिसमें पुलिस के वाहन और दो एम्बुलेंस भी शामिल थीं। उनके आवास से विले पार्ले के पवन हंस श्मशान घाट तक 10 मिनट की दूरी लगभग एक घंटे में तय की गई, क्योंकि दिग्गज संगीतकार के प्रशंसक बड़ी संख्या में उनकी शव यात्रा के साथ चल रहे थे।
बेटे बप्पा ने उन्हें मुखाग्नि दी। बप्पा अपने परिवार के साथ बृहस्पतिवार को तड़के तीन बजे ही अमेरिका से मुंबई पहुंचे थे। दाह संस्कार के दौरान बेटी रीमा की आंखें भी नम थीं।अंतिम संस्कार के दौरान विद्या बालन, शक्ति कपूर, रूपाली गांगुली, देब मुखर्जी, उदित नारायण, शान, अभिजीत भट्टाचार्य, मीका सिंह, फिल्म निर्माता भूषण कुमार और फिल्मकार केसी बोकाडिया के अलावा कई अन्य लोग भी मौजूद थे।
सोने की मोटी जंजीरें और चश्मा पहनने के लिए पहचाने जाने वाले गायक-संगीतकार ने 70-80 के दशक में कई फिल्मों के लिए संगीत रचना की जिन्हें खासी लोकप्रियता मिली। इन फिल्मों में ‘‘चलते-चलते’’, ‘‘डिस्को डांसर’’ और ‘‘शराबी’’ शामिल हैं।
लाहिड़ी को 1970 से लेकर 1990 के दौरान भारतीय सिनेमा में ‘‘आय एम ए डिस्को डांसर’’, ‘‘जिम्मी जिम्मी’’, ‘‘पग घुंघरू’’, ‘‘इंतेहा हो गयी’’, ‘‘तम्मा तम्मा लोगे’’, ‘‘यार बिना चैन कहां रे’’, ‘‘आज रपट जाए तो’’ तथा ‘‘चलते चलते’’ जैसे गीतों से डिस्को संगीत का दौर शुरू करने का श्रेय दिया जाता है।
उन्होंने 2000 के दशक में ‘‘टैक्सी नंबर 9211’’ (2006) का ‘‘बम्बई नगरिया’’ और ‘‘द डर्टी पिक्चर’’ (2011) के ‘‘उह ला ला’’ जैसे हिट गीतों को भी अपनी आवाज दी। वह उन गायकों में से एक हैं जिन्होंने 2014 में आयी फिल्म ‘‘गुंडे’’ का ‘‘तूने मारी एंट्रियां’’ गीत भी गाया था।