नई दिल्ली। सबकुछ स्कूल की जिम्मेदारी नहीं होती। कुछ आपका भी फर्ज़ होता है। बच्चा आपका तो उसे निखारना भी आपको है। स्कूल वाले तो हमेशा कोशिश करते हैं। पर आपको हर संभव कोशिश करनी है। आखिर उसकी ज़िंदगी का सवाल है। बहुत कुछ सिखाने से आता है। सबकुछ सिखाना सिर्फ स्कूल की जिम्मेदारी नहीं है। घर से बाहर आपको बच्चा परेशान करता है, लेकिन यहां आपको धैर्य से काम लेना होगा। उसे सिखाने में देरी नहीं करें। वैसे बता दें कि बहुत कुछ बच्चा आपको देखकर सीखता है। बच्चे के साथ आपको भी गुडी-गुडी होना होगा। आप चाहते हैं कि आपके बच्चा गुड मैनर्स और एटीकेट्स में दूसरे से पेश आए, तो स्वयं को नियंत्रित व संतुलित रखना होगा।
पब्लिक डीलिंग
पब्लिक डीलिंग वाली जगहों पर बच्चों को लेकर जाएं। यह जगहें हैं, जैसे – शाॅपिंग, बैंक, Post Office, Billing Office आदि। पब्लिक डीलिंग वाली जगह से वे बहुत कुछ स्वत ही सीख जाएंगे। मसलन दुनियादारी, पेपर वर्क, सोशल ऐटीकेटस, सेल्फ काॅन्फिडेंस आदि।
घरेलू वर्क भी
बच्चों से छोटा-मोटा घरेलू काम करवाएं। बता दें कि 14 साल के कम उम्र के बच्चों कामकाज करवाना गलात है। लेकिन छोटे मोटे घरेलू काम काज के आपका लाडला एक्टिव यानी चुस्त-दुरुस्त रहेगा। साथ ही उसका मोरल बूस्ट और आपकी हेल्प भी होगी।
मदद की जरूरत नहीं
बच्चों को बताएं व सिखाएं कि वे छोटे-मोटे काम बिना किसी के मदद के कर सकता है। मसलन-स्कूल के लिए स्वयं तैयार होना, जूते पॉलिश करना, अपने किताबों-कॉपियों पर कवर चढ़ाना, स्कूल जाने से पूर्व व आने के बाद अपनी ड्रेस, बुक्स, बैग को उचित स्थान पर रखना, अपने कमरे, टेबल को साफ-सुथरा रखना आदि।
प्लीज और थैंक्यू
प्लीज और थैंक्यू शब्द का इस्तेमाल किया करो। मालूम है तुम्हें पता है, पर तुम इसका प्रयोग नहीं करते। आज से तुम इसे अपनाओगे। घर और बाहर। तुम्हें कोई कुछ दे, तुम मम्मा से परमिशन मांगो या किसे रिक्वेस्ट करनी हो तो थैंक्यू और प्लीज शब्द का प्रयोग करोगे।
गुड हैबिट्स
बच्चों को डाइनिंग के तौर तरीकों बताएं। बच्चे को सिखाएं कि जोर-जोर से चिल्लाना ठीक नहीं होता। बच्चों के सामने गालियां नहीं दें। उनके सामने भाषा सयंमित रखें। बच्चे को रिस्पेक्ट दें। इससे वो आपके करीब आएगा। बच्चों को प्यार से समझाएं कि दोस्तों से लड़ाई-झगड़ा नहीं करते। छुटपन की यह लड़ाई बड़े होने पर दुश्मनी बन सकती है। बच्चे को बताएं कि सबसे प्यार से बात करनी चाहिए। किसी से कोई मतलब नहीं निकालना। अन्य बच्चों के साथ उसका कैम्पैरिजन नहीं करें। यह तुलना उसे आक्रामक, उद्दंड व जिद्दी बना सकती है। बच्चे में अच्छे वैल्यूज डालना आपकी जिम्मेदारी है। घर-बाहर सभी बड़े-बुजुर्गों की respect करनी चाहिए। बच्चों को समझाएं गुड व बैड टच के बारे में। उन्हें अच्छी मैनर्स सिखाओ, जैसे- किसी के सामने नाक में उंगली नहीं डालते, प्राइवेट पार्ट को नहीं छूते, कपड़े उठाकर खुजली नहीं करते, दांत नहीं किट-किटाते, नाक कपड़ों से साफ नहीं कराते, गीले हाथों को पहने कपड़ों से नहीं सुखाते आदि।