भारतीय जनता पार्टी आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक इकाई के रूप में प्रतिष्ठापित है | इस प्रतिष्ठा को प्राप्त करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक समयबद्ध तरीके से कार्यसमिति की बैठकें और संगठनात्मक कार्यक्रम हैं | एक बार भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर संसद को संबोधित करते हुए भारत रत्न तथा महामनीषी पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपयी जी ने कही थी की “जनता का समर्थन हमें यूँ ही या अचानक नहीं प्राप्त हुई है बल्कि पूरे भारत में एक मात्र दल हमारा ही है जो साल के तीन सौ पैसठों दिन तथा चौबीसों घंटे चलने वाली पार्टी है, हमारी एक विचारधारा है, हमारा राष्ट्रीय तथा प्रादेशिक स्तर पर वृहद् संरचना है और जनोपयोगी कार्यक्रम है, जनता ने हमें बहुतायत संख्या में जीताकर सदन में भेजा है क्योंकि एक दुसरे में विश्वास है” |
आज जब हम इस प्रदेश कार्यसमिति में बैठें हैं तब उनकी बातें हमें मार्गदर्शन देती हैं और हमें प्रेरित करती हैं की सर्वजन के सुख हेतु हम प्रयासरत रहें | बिहार में हम विगत 16 वर्षों में लगभग 14 वर्षों से सरकार में हैं और जनता ने बार बार हमें विश्वास के साथ बहुमत दिया है | इसके मूल में हमारे अच्छे कार्य है और संगठन की ताकत है |
विगत 1 वर्ष से भी ज्यादा समय से दुनिया तथा भारत कोरोना जैसी महामारी से ग्रसित है | इस बैठक में हम उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं जिन्होंने अपनों को गवायाँ है और असह्य पीड़ा से वेदित हुए हैं | इस महामारी ने कई परिवारों को बिखेर दिया है और भारत की आर्थिक-सामाजिक परिस्थितियों को गहरे तौर पर प्रभावित किया है, इसलिए इस चुनौतीपूर्ण समय में हम सभी को अपने देश तथा समाज के निहितार्थ संवेदना रखनी चाहिए ताकि एक देश के रूप में हम वापस उस मुकाम की तरफ तेज गति से दौड़ लगा सकें जिसका सपना हमारे प्रधानमन्त्री जी ने देखा है | राष्ट्र जीवन की दिशा पुस्तक में पंडित दीनदयाल जी कहते हैं राष्ट्र एक लगातार आगे बढ़ते रहने वाली इकाई है, उसकी दिशाएँ नेतृत्व पर निर्भर करती हैं और राजनीतिक नेतृत्व का जिम्मा है की देश उच्चतम स्तर को प्राप्त करे| आज भाजपा सरकार श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उसी दिशा में आगे बढ़ रही है जहाँ देश अपने गौरवपूर्ण वैभवशाली इतिहास की पुनरावृति कर पाने की स्थिति में होगा |
कोरोना की विषम परिस्तिथियों में प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भरता का मन्त्र दिया है | उन्होंने ना सिर्फ नारा दिया बल्कि भारत ने कोरोना के दो टीके बनाकर उसकी बानगी भी हम सभी के सामने प्रस्तुत कर दिया है | आज यह सबसे बड़ा हर्ष का विषय है की हमें दुनिया के सामने कोरोना के टीके के लिए ना आग्रह करना है, ना उसका अनुनय करना है | एक अनुमान लगाकर ही सिहरन पैदा होती है की अगर भारत ने अपने टीके का निर्माण नहीं किया होता तो आज जो 80 लाख से भी ज्यादा टीकाकरण एक दिन जो कर पा रहे हैं वह संभव नहीं होता | इस देश के कई विपक्षी राज्यों ने विदेशी टीकों के लिए होड़ मचा रखी थी, सारी ताकत झोंक रखी थी और ग्लोबल टेंडर्स में भी गए लेकिन उन देशों ने यह कह के मना कर दिया की हमारे अपने देश के लिये ही पर्याप्त नहीं है तो आपको देना संभव नहीं है | वर्षों तक भारत की यही स्तिथि थी | पोलियो DPT जैसे टिके विश्व में आने के 20 वर्षों से ज्यादा समय बाद ही भारत में आ सके थे | यथासंभव सभी तक पहुंचाना मामूली उपलब्धी नहीं इसलिए हम मा. प्रधानमंत्री के समुचित नेतृत्व, प्रोत्साहन तथा भारतीय वैज्ञानिकों के दूरदर्शी शोध के लिए धन्यवाद देते हैं |
विगत वर्ष नवम्बर में जब हम पूर्ण बहुमत से चुनकर वापस सरकार में लौटे तब से आज तक बिहार की सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की है | “आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय” की कार्य योजना बनी और लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में बिहार ने नए प्रतिमान गढ़ने को तैयार है | हमारा इस चुनाव के बाद से ही प्रयास था की बिहार को 21 वीं शताब्दी के अनुकूल नए क्षेत्रों के लिए तैयार करना |
हमने शिक्षा के लिए जीडीपी का 6% हिसा आवंटित किया है, जिसका प्रभाव हम शिक्षा क्षेत्र में नयी बहालियों, विद्यालयों के नवीनीकरण तथा प्रोत्साहन योजनाओं में दिखना शुरू हो गया है | भारत सरकार की नयी शिक्षा नीति के अनुरूपता में बिहार में कई कार्य हो रहे हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है रोजगार परक शिक्षण, 21 वीं शताब्दी के अनुकूल नए वैज्ञानिक कोर्स हम तैयार चुकें हैं, मेडिकल तथा अभियांत्रिकी की शिक्षा अब बिहार में ही उपलब्ध है और आने वाले समय में हम उसे हिंदी भाषा में भी उपलब्ध करायेंगे |
रोजगार इस चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा था | सरकारी नौकरियां तो हम उपलब्ध करा ही रहे हैं और आप सभी ने उसे देखा और महसूस भी किया होगा क्योंकि विगत 2 महीने में ही बीपीएससी, दारोगा, शिक्षा की बहालिया देखी हैं | हमने अपने घोषणापत्र में स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग के अंतर्गत बड़े संख्या में नौकरियां देने की बात कही थी और यह स्पस्ट है की हम इस दिशा में बड़े कदम उठा रहें हैं | प्रत्येक सरकारी नौकर एवं शिक्षण संस्थानों में 33% महिला आरक्षण, महिला सशक्तिकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है |
रोजगार आजीविका से जुडा बेहद महत्वपूर्ण प्रसंग है | बिहार में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमे हम प्राभाव्शाली ढंग से बेहतर कर सकते थे, लेकिन पूर्व की राजनीतिक-सामाजिक परिस्थियों ने उसका सर्वनाश कर दिया है | आज दुनिया जब वैश्वीकरण के दौर से गुजर रही है तब हमारे सामने भी बहुत सारे विकल्प हैं और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने इस दिशा में पूरे देश को प्रेरित भी किया है | बिहार में बेहतर औद्योगिक परिवेश के सभी प्रमुख कारक मौजूद हैं, जैसे, बिजली, सड़क तथा जनसांख्यिकी महत्वपूर्ण हैं लेकिन जनसंख्या की वृद्धि दर ने जमीन की जोतें छोटी कर दी हैं इसलिए बड़े औद्योगिक निवेश पूर्णतया संभव नहीं हो रहे हैं | एक टेक्सटाइल औधोगिक पार्क के निर्माण के लिए एक जगह पर 10000 एकड़ से ज्यादा जमीन की आवश्यकता होती है | यह बिहार में आज के परिस्थिति में संभावना नहीं दिखती है, इसलिए हमने मंझले और कम जमीन पर बन सकने वाले उद्योगों के निर्माण की कोशिश कर रहे हैं | इसमें हमने जबरदस्त सफलता भी मिल रही है| पश्चिम चंपारण के चनपटिया स्थित नया औद्योगिक परिसर इस दिशा में एक मोडल के रूप में अवस्थित है | यहाँ कोरोना के प्रथम कालखंड में जब देश के विभिन्न राज्यों से प्रवासी लौटे तब उन्होंने सरकार से सहायता प्राप्त करके 100 से ज्यादा उद्योगों की छोटी इकाइयाँ स्थापित की | इन सभी कारखानों में गारमेंट्स (कपड़ों से बनने वाले विभिन्न उत्पाद) का निर्माण होता है | बहार से लौटकर आये ये प्रवाशी मजदूर आज मजदूर से मालिक बनकर कई कृतिमान स्थापित कर रहें हैं |
इसी प्रकार बिहार सरकार के उद्योग विभाग जिसे प्रायः कार्यशील नहीं माना जाता था उसमें आये क्रांतिकारी परिवर्तन को देखना समझना चाहिए | इस विभाग ने बहुत कम समय में जबरदस्त सफलता पायी है | केंद्र कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में एक मेगा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना के लिए हरी झंडी दे दी है | इस परियोजना में कुल 30 उद्योगों की स्थापना होगी और उनपर 400 करोड़ रूपए खर्च किये जायेंगे | इस परियोजना से भी 5000 लोगों को प्रत्यक्ष तथा 10000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा | कृषि क्षेत्र में एक नयी क्रांति आएगी | बक्सर तथा खगड़िया में भी इस तरह के इकाइयों के निर्माण का कार्य प्रगति पर है | पहली बार हम 37 लाख टन से ज्यादा के धान की खरीद में सफल हो सके और गेंहू के खरीद का भी हमने कीर्तिमान स्थापित किया हैं |
बिहार ने एक उद्योग विभाग के अंतर्गत एक नयी एथनोल निर्माण की पालिसी भी तैयार की है, जिसको कैबिनेट से मान्यता भी प्राप्त हो गयी है | यह पालिसी देश में पहली बार बनी है और बिहार से ही इसकी शुरुआत होगी | राज्य के सभी 38 जिलों में यह परियोजना चालु होगी और सबसे ख़ुशी देने वाली खबर है की एथनोल निर्माण के लिए 30 इन्वेस्टमेंट प्रपोजल भी मिल चुके हैं | प्रधानमंत्री जी ने अनेकों बार यह कहा है हमें आयातित ऊर्जा पर निर्भरता कम करनी है और भारत में आयातित पेट्रोल में एथनोल मिला देने से हम अगले 4 वर्षों में 12 हजार करोड़ रूपए की बचत कर सकेंगे | यह ना सिर्फ बिहार के लिए अपितु पुरे देश के लिए गौरव की बात होगी | बिहार में विगत 3 महीनें में ही 10,000 करोड़ के इन्वेस्टमेंट का आकड़ा पार कर चुके हैं|
कोरोना कालखंड में बिहार ने सिमित संसाधनों में जबरदस्त काय्शीलता दिखाई है | यह सच है की कोरोना के दुसरे चरण में बड़े संख्या में लोग हताहत हुए हैं, लेकिन यह भी सच्चाई है की कई विकसित राज्यों के मुकाबले बिहार ने अच्छी प्लानिंग की, चरणबद्ध तरीके से आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की और केंद्र ने आगे बढ़कर बिहार का साथ दिया है | त्वरित निर्णयों, लालफीताशाही पर नियंत्रण, जमाखोरी पर समुचित कारवाई तथा टीकाकरण अभियान के सतत अभियान ने बिहार में कोरोना के प्रसार पर बेहतरीन कार्य किया है |
बिहार को केंद्र सरकार ने हर कदम पर सहायता उपलब्ध करायी है | समानुपातिक व्यवस्था के तहत 650 वेंटीलेटर, 4500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर,रेडमीशिविर इंजेक्शन सहित सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करायी हैं | कोरोना के पूर्व बिहार में ऑक्सीजन की डिमांड मात्र 16 मी.टन थी जिसे केंद्र ने बढाकर 272 मी.टन. किया जिसके लिए बिहार की जनता प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद देती है | बिहार में कुल 119 पीएसए प्लांट लगाने का कार्य हो रहा है जिसमें 71 प्लांट हम केंद्र की सहायता से लगा रहे हैं |
बिहार में हमने चुनाव के पूर्व यानी अपने घोषणापत्र में ही प्रदेश के सभी निवासियों को मुफ्त में टीकाकरण की बात कही थी | इस मद में सरकार ने 4165 करोड़ का भारी बजटीय आवंटन भी करा लिया था और सभी निवासियों से किये गए वादे पर हम मुस्तैदी से काम कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार के मुफ्त टीकाकरण अभियान ने बिहार जैसे कमजोर आर्थिक शक्ति वाले राज्य की जबरदस्त मदद की है | देश के पूर्ण विकसित राज्य जिनमें तमिलनाडु, केरल जैसे राज्य शामिल हैं जहाँ अभी भी कोरोना से संघर्ष कर रहे हैं और टीकाकरण अभियान सुस्त पड़ा हुआ है बिहार ने देश में 8 वां स्थान प्राप्त कर चूका है | चरणबद्ध प्लानिंग ने इस दिशा में बिहार के निवासियों को बहुत सारी असुविधाओं से राहत दिलाई है | बिहार में संक्रमण दर मात्र 0.19% रह गयी है तथा रिकवरी दर देश से 3 गुना ज्यादा है | यह हमारी उपलब्धी है और हमें इससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है |
बिहार देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जो आपदा के इस कालखंड में काल को ग्रसित हुए सभी निवासियों के परिवारजन को 4 लाख की सहायता राशि दे रहा है | इसके अलावे अपने नियमित स्वास्थ्य कर्मचारियों को एक महीने की सैलेरी तथा अन्य भत्ता देने का प्रावधान किया है | इतना ही नही जो बिहारियों की मृत्यु दुसरे प्रदेश में हुई है उनके परिवार को भी हम 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं |
यह कार्यसमिति सरकार के योजनाओं की सफलताओं की बानगी भर नहीं है, बल्कि एक संगठन के तौर पर व्यापक रूप से सफल हुए हैं | मैंने जबसे अध्यक्ष का पद संभाला है अधिकतर वक्त कोरोना में बीतता जा रहा है | इस वजह से मै जिलों के दौरों पर चाहकर भी नहीं जा सका हूँ, लेकिन आप सभी सहभागिता से संगठन पूर्वत सुचारू रूप से सक्रिय रहा है | विगत मार्च में हुई कार्यसमिति की बैठक के बाद हम सभी लगातार किसी ना किसी स्वरुप में सक्रिय रहे हैं | आज इस बैठक में मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है की सेवा ही संगठन अभियान के पूर्व तथा बाद में हमने कई सफल आयोजन किये हैं | संगठन के पदाधिकारियों सहित सभी मोर्चों, प्रकोष्ठों तथा सभी कार्यकर्ताओं ने अपनी पूरी प्रतिभा तथा शक्ति अनुरूप श्रेष्ठ कार्य किये हैं |
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के आवाहन पर सेवा ही संगठन अभियान भाजपा ने देश में चलाने की ठानी तब कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने इसको कॉपी-पेस्ट फॉर्मेट में उठाने की कोशिश की थी | हमने यह देखा है की कांग्रेस ने एक टूलकिट बनायी जिसमें सेवा का कोई भाव ही नहीं था | उनके मूल एजेंडा में प्रधानमन्त्री जी का छवि हनन तथा समाज के भाजपा विरोधी लोगों का एकत्रीकरण तथा विदेशी मीडिया में देश की छवि ख़राब करने की तरकीबें थी | मैं किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहता लेकिन यह सच्चाई है की किसी संगठन के पास इतने निःस्वार्थी कार्यकर्ता, तन्मयता से माँ भारती की सेवा करने का जज्बा नहीं है |
कोरोना के पीक पर हमने 19 लाख से ज्यादा मास्क बाँटें हैं और वह सभी राज्य के साधारण लोगों तक पहुंचें हैं, 2.50 लाख परिवारों तक पका हुआ भोजन, 1.80 लाख परिवारों तक सुखा राशन किट पहुंचाया है |
प्रदेश के सभी 45 संगठन जिलों में समितियां बनाकर 61 हजार बूथों तक हमने मेरा बूथ कोरोना मुक्त अभियान चलाया है, 30 हजार लोगों तक सेवा ही संगठन अभियान के तहत विभिन्न प्रकार की सहायता पहुंचाई है, टीकाकरण के लिए प्रेरित करने वाला अभियान चलाया है |
विभिन्न मोर्चों के कार्यकर्ताओं ने 158 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जिसमें प्रदेश के 165 अस्पताल या ब्लड बैंकों में 21 सौ कार्यकर्ताओं ने ब्लड डोनेट किया है | बिहार सरकार को मैं धन्यबाद देता हूँ की जहाँ भी भाजपा कार्यकर्त्ता 50 से अधिक रजिस्ट्रेशन करते हैं वहां टिका एक्सप्रेस गाड़ी जाकर टीकाकरण का कार्य करती हैं |
हमारी सेवा की भावना सदैव रहती आई है, और जैसा की पूर्व में अटल जी ने कहा था हमारी पार्टी 365 दिन 24 घंटे काम करने वाली है | हम उनके इस वक्तव्य से जब खुद को जोड़कर देखते हैं की हमारी आज की सफलता हमारे ओजपूर्ण पुरोधाओं के चरणों से होकर गुजरी है और भविष्य के कार्यकर्ताओं के कन्धों पर टिकी है | इस सफल कार्यसमिति की बैठक में लगे सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए मैं उनके सुखद भविष्य की कामना करता हूँ |