देहरादून। बीते कुछ दिनों से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राजनीति कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर गरमा रही थी। सरकार और विपक्ष के अपने तर्क थे। आखिरकार मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा कर दी कि कोरोना महामारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसलिए कांवड़ यात्रा को राज्य में पूरी तरह से स्थगित कर दिया जाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि हमने उच्च अधिकारियों के साथ कांवड़ यात्रा के संदर्भ में बातचीत की। ऐसे समय में जब कोविड वैरिएंट प्रदेश में मिला है। इस स्थिति में हम हरिद्वार को कोरोना महामारी का केंद्र नहीं बनाना चाहते इसलिए हमने कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फ़ैसला किया है।
बता दें कि सावन के पवित्र माह में करोड़ो श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल कांवड़ में भरते हैं और शिवालयों की ओर पैदल निकल पड़ते हैं। कई किलोमीटर की यात्रा करके कांवड़िए नियत स्थान पर पहुंचते हैं। उसके बाद शिवालयों में गंगाजल अर्पित करते हैं। इस बार कोरोना महामारी के कारण इसे रोक दिया गया है।
बता दें कि इस कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर उत्तराखंड और उतत्र प्रदेश सरकार के बीच कुछ विवाद भी हुआ था। मामला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक भी पहुंचा था। असल में, कांवड़ यात्रा में उत्तराखंड मुख्य रूप से मेजबान राज्य की भूमिका निभाता है।
जो भी यात्रा हरिद्वार से गंगाजल (Gangajal) भरकर कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) शुरू करते हैं, वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान जैसे राज्यों से आते हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों की ओर से यह आशंका जताई गई थी कि यदि यूपी की तरफ से यात्रियों की भीड़ बॉर्डर पर आई तो उन्हें थामना नामुमकिन होगा। और तो और, आरटीपीसीआर जांच, प्री रजिस्ट्रेशन, मास्क, सोशल डिस्टेंस का पालन जैसी कवायद भी भीड़ के आगे संभव नहीं हो पाएगी।