Kalyan Singh को कई रूप में याद कर रहे हैं भाजपा के बड़े नेता

कल्याण सिंह जी के निधन से एक युग का अंत हुआ है। लंबे समय से उनका इलाज अस्पताल में चल रहा था। उनके जाने के बाद उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के कई पहलुओं पर लोग बात कर रहे हैं।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह नहीं रहें। 89 साल की उम्र में शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके जाने के बाद उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के कई पहलुओं पर लोग बात कर रहे हैं। भाजपा के बड़े नेता और कई केंद्रीय मंत्री उन्हें अपना बड़ा भाई, मित्र और राजनीतिक गुरू मान रहे हैं।
लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को उनके निवास स्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धेय कल्याण सिंह जी को एक राजनीतिक संत कहूं, जिसे पद-प्रतिष्ठा का मोह छू तक न गया हो अथवा दृढ़ संकल्प के प्रतिमूर्ति मानूं, जो लक्ष्य का संधान होने तक अर्जुन की भांति एकनिष्ठ भाव के साथ प्रयत्नशील रहे और अंततः सफलता ने उनका वरण किया…

बसपा की अध्यक्षा मायावती ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “कल्याण सिंह के निधन पर हमारी पार्टी गहरा दुख प्रकट करती है और कुदरत से प्रार्थना करती है कि उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”

उत्तर प्रदेश की राजनीति से आकर केंद्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं कि कल्याण सिंह को नेता कहूं या बड़ा भाई कहूं या मित्र कहूं यह फ़ैसला करना कठिन है। उनकी भूमिका ऐसी रही है कि ऐसा लगता था कि इसमें वह नेता हैं, इसमें बड़े भाई हैं और इसमें मित्र हैं। अब वह हमारे साथ नहीं है, मैं उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कल्याण सिंह के निधन से राष्ट्रवादी राजनीति को धक्का लगा है। हमने उनके साथ बैठकर बहुत कुछ सीखा है। उनके जाने से हम तो स्वाभाविक रूप से दुखी है ही लेकिन पूरा देश और अन्य दलों के नेता भी दुखी है।