Bihar Politics : क्या बिहार में बदल सकता है सियासत का समीकरण?

मुंबई का मामला शांत हो गया लगता है। अब बिहार में मिशन तेजस्वी की चर्चा है। सत्ता का हस्तांतरण हो सकता है। इस बार मिशन तेजस्वी की कमान लालू प्रसाद ने अपने हाथों में ली है। पटना से दिल्ली तक सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो चला है।

पटना। हाल ही में हम सभी ने महाराष्ट्र की राजनीतिक घटनाक्रम को देखा है। आज की ताजा समाचार यह है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने की बात कहकर उन्हें शिवसेना से बाहर कर दिया है। अब शिंद के सियासी दांव पर सबकी नजर होगी।

दूसरी ओर महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी सियासत का समीकरण तेजी से बदल सकता है मौजूदा हालात में विपक्ष सत्ता के आंकड़े से महज सात कदम दूर है। बिहार विधानसभा में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के पास फिलहाल 115 विधायकों का समर्थन है बहुमत के लिए बिहार में 122 विधायक चाहिए जबकि सत्ताधारी एनडीए के पास 126 विधायक हैं। एआईएमएम के एकमात्र बचे विधायक अख्तरुल इमान के भी राजद में शामिल होने के प्रबल आसार हैं। ऐसे में महागठबंधन का आंकड़ा 116 पहुंच जाता है। उसके बाद महज 6 विधायकों की आवश्यकता होगी खबर है 6 विधायकों को भी महा गठबंधन के पक्ष में लाने की तैयारी गुपचुप तरीके से चल रही है 6 विधायक कौन होंगे इस पर फिलहाल पर्दा है।

बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा सरेआम हो रही है कि मिशन तेजस्वी की कमान खुद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने थाम रखी है। अगर बिहार में मिशन तेजस्वी सफल होता है और राजद की सरकार बनती है तो नए प्रयोग के तौर पर राजद एक मुस्लिम और एक सवर्ण को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी दे सकता है। जानकार सूत्र बताते हैं कि राजद की तरफ से बिहार में सत्ता वापसी की तैयारी फुलप्रूफ प्लान के तहत चल रही है।