भाजपा चुनावी अभियानो में नए-नए प्रयोगों के लिए जानी जाती है. पिछले महीने जब गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक ली थी तब उन्होंने पार्टी नेताओं को जमीन पर आधार को मजबूत करने के कुछ रणनीतिक नुस्खे दिए थे. उसमें एक बड़ा काम उन्होंने अत्यंत नीचे यानी पंचायत स्तर पर दूसरे दलों के छोटे और स्थानीय नेताओं को भाजपा ज्वानिंग कराने का काम दिया था. जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान भाजपा संगठन बहुत साइलेंट तरीके से इस काम को कर रहा है.
भाजपा के लिए यह करना इसलिए कठिन नहीं है क्योंकि पार्टी का बूथ स्तर तक संगठन है और उसकी पूरी मैपिंग भी पार्टी के पास है. लिहाजा विधानसभा वार, बूथ वार उसके पास ऐसे पंचायत स्तर के सक्रीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सूची है, जो भाजपा से नहीं जुड़े हैं. भाजपा योजनाबद्ध ढंग से जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान छोटे-छोटे समूहों में ऐसे लोगों को बिना अधिक प्रचार किये भाजपा ज्वानिंग करा रही है. ‘साइलेंट ज्वानिंग’ भाजपा की रणनीति है.
ज्वानिंग को लेकर भाजपा ने मध्यप्रदेश चुनाव में अपनी रणनीति बदल दी है. भाजपा की रणनीति टीम में अहम भूमिका निभा रहे एक व्यक्ति ने बताया कि कांग्रेस भाजपा के टिकट न मिलने अथवा अन्य नाराज कुछ नेताओं को तोड़ने का प्रयास कर सकती है, लेकिन भाजपा ने बूथ पर लड़ने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने की रणनीति अपनाई है. इस बार पार्टी बड़ी ज्वानिंग से ज्यादा फोकस नीचे स्तर पर बूथों पर सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने पाले में खींचने में कर रही है.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा के पास विधानसभा स्तर पर बड़े नेताओं की कमी नहीं है इसलिए वो बड़े नेताओं की ज्वानिंग की बजाय नीचे स्तर पर दूसरे दलों के नेताओं को जोड़ने की रणनीति पर चुपचाप काम कर रही है. शीर्ष नेतृत्व द्वारा इसका अत्यधिक प्रचार न करने की सलाह दी गयी है.
इसमें एक अहम बात यह भी है कि ऐसी ज्वानिंग कराने के लिए भाजपा के विधानसभा में सक्रिय रूप से कुछ चुनिन्दा लोग काम कर रहे हैं और जब जन आशीर्वाद यात्रा जब उनके क्षेत्र में पहुँचती है तो रथ पर मौजूद नेताओं द्वारा ऐसे 50-100 की संख्या में दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं को पार्टी ज्वाइन करा दिया जाता है. इसके अलावा भाजपा विभिन्न समुदायों के प्रभावी मतदाताओं को भी पार्टी से जोड़ने का काम यात्रा में कर रही है. यात्रा से पूर्व पत्रकार वार्ता करके शिक्षकों, वकीलों, चिकित्सकों और समाज के अन्य वर्गों से मिलकर अपना रिपोर्ट कार्ड भी बाँट रही है.
सूत्रों का कहना है कि हर दिन एक यात्रा में अलग-अलग पंचायतों के लगभग 500 अन्य दलों के कार्यकर्ताओं तथा समाज के विविध वर्गों को जोड़ने का काम चल रहा है. जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान नीमच के रतलाम सहित कई जगहों पर लोग भाजपा से जुड़ भी रहे हैं. पार्टी का लक्ष्य है कि पूरी यात्रा के दौरान पंचायत स्तर पर लगभग 50 हजार उन प्रभावी मतदाताओं को पार्टी से जोड़ा जाए जो अन्य दूसरे दलों से सक्रिय रूप से जुड़े हैं.
इस साइलेंट ज्वानिंग को भाजपा द्वारा प्रचारित न किया जाना, उनकी रणनीति का हिस्सा है. लेकिन कई जगह इस तरह की ज्वानिंग देखने को मिल रही है. सतना के रैगाँव विधानसभा के सोहावल में 4 सितंबर को नरोत्तम मिश्रा की उपस्थिति में कई पंचायतों के 130 के आसपास लोगों ने भाजपा की सदस्यता ली. पार्टी की सदस्यता लेने वालों में शंकरदीन दहिया, प्रकाश सिंह, रावेंद्र सिंह, सुशील सिंह, गोमती पाल सिंह, रज्जन सिंह, सुमित शर्मा, रामलाल चौधरी, ललिता चौधरी, गीता कोल, पार्वती वर्मा, मनीषा चौधरी, राजू शर्मा सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल हैं.
पंधाना विधानसभा में कैलाश विजयवर्गीय ने कुछ जगहों पर लगभग 40 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा ज्वाइन कराई. रतलाम, नीमच आदि में भी दूसरे दलों के लोग भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं.