नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ब्रेनली के नए सर्वे से पता चलता है कि कैसे भारतीय छात्रों ने कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए नए स्टडी-फ्रॉम-होम को अपनाया है। ब्रेनली के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर राजेश बिसानी ने कहा, “हमारे नए सर्वेक्षण से पता चला है कि भारतीय छात्रों ने घर से पढ़ाई करने से जुड़े तनावों का बेहतर तरीके से सामना किया है, वे फिर से ऑफलाइन कक्षाओं में लौटना चाहते हैं। इससे साफ है कि कोई भी टेक्नोलॉजी साथियों के साथ दोस्ती और बातचीत की जगह नहीं ले सकती है।
गौर करने वाली बात यह है कि 46% भारतीय छात्रों के लिए ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म घर से पढ़ाई को आसान बना रहे हैं। इसका मतलब है कि महामारी के थमने और स्कूल परिसर के फिर खुलने के बाद भी छात्र और पैरेंट्स अपनी सीखने की यात्रा में सहायता के लिए इन सेवाओं का उपयोग करते रहेंगे।” जानते हैं इस सर्वेक्षण से प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारियां।
1. दुनियाभर में महामारी का सबसे बड़ा प्रभाव आवाजाही और मेलजोल पर प्रतिबंध के तौर पर सामने आया है। टीकाकरण अभियान के बीच लॉकडाउन में ढील के बाद आवाजाही फिर शुरू हो गई है। इसके बाद भी भारत सरकार स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा करने से बच रही है, जब तक कि महामारी का खतरा कम न हो जाए।
2 ब्रेनली सर्वे में पाया गया कि सर्वे में शामिल 81% छात्र अपने दोस्तों और सहपाठियों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़े रहने को याद कर रहे हैं। यह जानकारी ऑफलाइन कक्षाओं की प्रासंगिकता को साबित करती है और संकेत करती है कि स्कूल हाइब्रिड भविष्य की ओर आगे बढ़ेंगे जहां शिक्षा के बेस्ट डिजिटल और फिजिकल तरीकों को जोड़ा जाएगा।
3 सर्वे में पाया गया कि ब्रेनली के अधिकांश छात्र (78%) अपने खाली समय का उपयोग अपने स्कूल के घंटों से आगे पढ़ाई में करते हैं, जबकि 56% छात्र अपने खाली समय का उपयोग पढ़ाई-लिखाई से अलावा अन्य गतिविधियों और शौक से जुड़ी गतिविधियों में करते हैं।
4 ब्रेनली के आधे छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म घर से पढ़ाई को आसान बनाते हैं। महामारी सभी पर, बच्चों और वयस्कों पर समान रूप से भारी पड़ी है। यह पूछे जाने पर कि क्या वे घर से पढ़ाई करते समय तनाव महसूस करते हैं, 45% छात्रों ने हां में जवाब दिया। अपनी ओर से स्कूल यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि छात्र तनाव दूर करने वाली गतिविधियों में भाग लें। 68 %भारतीय छात्रों का कहना है कि उनके स्कूल उन्हें घर से फिजिकल एजुकेशन में भाग लेने को प्रोत्साहित कर रहे हैं।