तीन दिवसीय समिट में शैक्षणिक जगत, उद्योग और सरकार के नेताओं ने सतत भविष्य के लिए अत्याधुनिक समाधानों पर की चर्चा

 

नई दिल्ली। शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई), दिल्ली-एनसीआर ने उच्च शिक्षा डेटा और अंतर्दृष्टि के लिए अग्रणी वैश्विक मंच टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) के सहयोग से इनोवेशन एंड इम्पैक्ट समिट 2024 का सफल आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष, नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ); अध्यक्ष, कार्यकारी समिति, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) और अध्यक्ष, नेशनल ब्यूरो ऑफ एक्रेडिटेशन (एनबीए), भारत द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह में टीएचई के चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर फिल बैटी और शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के कुलाधिपति शिखर मल्होत्रा उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में शैक्षणिक क्षेत्र, उद्योग और सरकार सहित विभिन्न क्षेत्रों के 380 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। तीन दिनों के दौरान कार्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), अंतरिक्ष, तंत्रिका विज्ञान, स्वास्थ्य नवाचार, स्वच्छ ऊर्जा, सस्टेनेबिलिटी और कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच और अध्यक्ष, कार्यकारी समिति राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने कहा, “मैं इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का हिस्सा बनकर अत्यंत प्रसन्न हूं जो नवाचार और शिक्षा के क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय प्रगति का जश्न मना रहा है। वैश्विक नवाचार सूचकांक में मात्र नौ वर्षों में 81वें से 39वें स्थान पर पहुंचना, हमारी समृद्ध बौद्धिक विरासत को आधुनिक नवाचार के साथ जोड़ने की शक्ति को दर्शाता है। अटल इनोवेशन मिशन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जैसी पहलें कक्षाओं को रचनात्मकता के केंद्रों में बदल रही हैं, जो हमारी युवा पीढ़ी को वैश्विक चुनौतियों का आत्मविश्वास और सृजनशीलता के साथ सामना करने के लिए तैयार कर रही हैं।”
शिखर मल्होत्रा, कुलाधिपति, शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस, दिल्ली-एनसीआर ने समिट की सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इम्पैक्ट एंड इनोवेशन समिट 2024, शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस, दिल्ली-एनसीआर के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम टाइम्स हायर एजुकेशन का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने पहली बार भारत में इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी की। 36 देशों की भागीदारी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, परोपकार, शिक्षा और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में हुई चर्चाओं के साथ, ये तीन दिन सहयोग और विविध दृष्टिकोणों की शक्ति के प्रमाण रहे। शिव नाडर फाउंडेशन की सबसे बड़ी पहल के रूप में, शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस, दिल्ली-एनसीआर, हमारे संस्थापक के शिक्षा और नवाचार के माध्यम से समाज को वापस देने के दृष्टिकोण में दृढ़ता से जड़ा हुआ है। इस तरह के कार्यक्रम उच्च शिक्षा में दूरदर्शी सोच और क्रॉस-सेक्टर सहभागिता के माध्यम से सार्थक प्रगति को आगे बढ़ाने, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और सामूहिक समाधान विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।”
फिल बैटी, चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर, टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) ने इस भावना को आगे बढ़ाते हुए कहा, “मैं शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस, दिल्ली-एनसीआर का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने इस सप्ताह हम सभी की मेजबानी करके प्रेरणा प्रदान की, नवाचार का प्रदर्शन किया और इस कार्यक्रम के प्रभाव को सुनिश्चित किया। यह समिट वास्तव में नई मित्रताएं बनाने, सहयोग स्थापित करने, कार्रवाई के लिए एक मंच और विश्वव्यापी शुभ शक्ति के रूप में उच्च शिक्षा की भूमिका को पुनः स्थापित करने का आह्वान था। समिट ने उन महत्वपूर्ण चुनौतियों और नवीन समाधानों को उजागर करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया, जो अंततः प्रौद्योगिकी और समाज दोनों के भविष्य को आकार देंगे। सार्थक वार्तालाप और अंतर्दृष्टिपूर्ण सत्रों के माध्यम से, हमने प्रमुख संस्थानों, उद्योग विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं की आकांक्षाओं के बीच एक उल्लेखनीय तालमेल देखा। हमारा मानना है कि इस तरह के आदान-प्रदान को बढ़ावा देते रहने से, हम ज्वलंत वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए आवश्यक व्यवस्थागत परिवर्तन ला सकते हैं।”
शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के बारे में:
शिव नाडर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस एक बहु-विषयक, छात्र-केंद्रित शोध विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 2011 में श्री शिव नाडर द्वारा की गई थी। शिव नाडर का नाम प्रमुख परोपकारी व्‍यक्ति और भारत में तकनीकी क्रांति के अग्रदूत के रुप में लिया जाता है। इसके चार स्कूल हैं: इंजीनियरिंग; प्राकृतिक विज्ञान; मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान; प्रबंधन एवं उद्यमशीलता। यह भारत सरकार द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के रूप में मान्यता प्राप्त सबसे नया विश्वविद्यालय है, जो उच्च शिक्षण संस्थानों की एक विशिष्ट श्रेणी है जो “आगे चलकर दुनिया के शीर्ष सौ संस्थानों में शामिल होने का के लिए प्रयासरत है।” संस्थान 17 स्नातक डिग्री प्रोग्राम, 10 परास्नातक प्रोग्राम और 16 पीएचडी प्रोग्राम की पेशकश करता है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में 3515 छात्र हैं। ये छात्र भारत के 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और 12 से अधिक अन्‍य देशों से आते हैं।