नई दिल्ली। अपोलो स्वास्थ्यसेवा के क्षेत्र में लगातार प्रगति का नेतृत्व कर रहा है। अपोलो दूर-दराज के इलाकों के लोगों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने में आगे है। वैश्विक स्वास्थ्यसेवा में सुधार को लेकर अपनी मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, अपोलो टेलीहेल्थ मरीजों और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के बीच बातचीत करने के तरीकों को पूरी तरह से बदलने में कामयाब रहा है। इस बदलाव की वजह से गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय देखभाल भौगोलिक बाधाओं से परे सभी के लिए उपलब्ध हुई है और इससे करीब 20 मिलियन से अधिक लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक असर पड़ा है।
अपोलो टेलीहेल्थ टेली-इमरजेंसी, टेली-रेडियोलॉजी और टेली-ऑफ्थैल्मोलॉजी समेत जैसी विशेष सेवाओं की पूरी श्रृंखला के साथ दूरस्थ स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की संपूर्ण श्रृंखला की पेशकश करती है, जो बेहद दूर दरा के क्षेत्रों तक फैला हुआ है और यह स्वास्थ सेवा परिदृश्य को बेहतर बना रहा है और समग्र जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर रहा है। पश्चिम त्रिपुरा के खुमुलवंग गांव में रहने वाली 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला इन सेवाओं की प्रमाणित क्षमता की मिसाल हैं। अपोलो की टेली-इमरजेंसी सेवा का इस्तेमाल करते हुए वह खेरेंगबर अस्पताल की टेली-इमरजेंसी केंद्र में भर्ती हुई। शुरुआती मूल्यांकन में हायपरटेंसिव या उच्च ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट फेल होने का संकेत मिला। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पैरामेडिक्स की टीम ने तत्काल कोलकाता स्थिति अपोलो के मल्टी स्पेशएलिटी हॉस्पिटल से संपर्क साधा।
पश्चिमी गारो हिल्स के जेंगल में एक महिला को दांत से संबंधित आपात स्थिति का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके निचले दांत से रिसाव हो रहा था और इस वजह से उन्हें असहनीय पीड़ा और सूजन हो रही थी। अगर इस स्थिति का इलाज नहीं होता तो उनमें खतरनाक लुडविग्स एंजाइना विकसित हो सकती थी। स्थानीय दंत चिकित्सक की गैरमौजूदगी से स्थिति धुंधली नजर आ रही थी। लेकिन, ऐसे इलाके में टेलीमेडिसिन की मौजूदगी व्यापक बदलाव लाने वाली साबित हुई। अमेरिका के एक फेशियल मैक्सिला सर्जन के साथ लाइव वीडियो लिंक की मदद से स्थानीय मेडिकल स्टाफ ने नर्व ब्लॉक्स को दिखाते हुए मवाद के साथ तीन दांत निकाले, जिससे मरीज की सेहत में तेजी से सुधार हुआ। समय पर मिली यह सहायता तकनीक की ताकत और मरीजों को वैश्विक विशेषज्ञों से जोड़ने की टेलीहेल्थ प्लेटफॉर्म की मजबूत क्षमता की मिसाल है।
अपोलो टेलीहेल्थ ने सात राज्यों में 700 से अधिक केंद्र स्थापित किए हैं। टेलीहेल्थ केंद्रों की इस व्यापक मौजूदगी ने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्यसेवा तक लोगों की पहुंच को सुनिश्चित किया है। टेलीहेल्थ के भविष्य के विजन के बारे में अपोलो की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा, “दुनिया लगातार विकसित हो रही है और अपोलो टेलीहेल्थ स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नए प्रयोगों को लेकर हमेशा से आगे रहा है। उत्कृष्ट तकनीक, डेटा सुरक्षा उपाय और मरीज केंद्रित रणनीति का लाभ उठाते हुए अपोलो टेलीहेल्थ एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर रहा है, जहां गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा किसी भी मामले तक सीमित नहीं है। हम हमेशा से ही वंचित समुदायों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगले पांच से दस वर्षों के बीच हम स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देख रहे हैं, जिसे स्वास्थ्य सेवा के प्रत्येक क्षेत्र में तकनीक के एकीकरण से मदद मिलेगी।”
अपोलो टेलीहेल्थ एंटरप्राइज लिमिटेड में टेलीहेल्थ के सीईओ विक्रम थापलू ने कहा, “अपोलो टेलीहेल्थ में इनोवेशन को लेकर हमारी प्रतिबद्धता भारतीय स्वास्थ्यसेवा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने वाली रही है। देश भर में विभिन्न सरकारी और कॉरपोरेट संस्थाओं के साथ हमारी साझेदारी और अनूठे तकनीकी समाधानों ने मरीजों की चिकित्सा देखभाल तक उनकी पहुंच और अनुभव को नए तरीके से परिभाषित किया है। हम और अधिक संख्या में जरूरतमंद समुदायों तक पहुंचने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए समर्पित हैं।” डॉ के गणपति, डायरेक्टर, अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन (एटीएनएफ) और अपोलो टेलीहेल्थ ने हेल्थकेयर तक पहुंच में बदलाव लाने में अपोलो टेलीहेल्थ के अथक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, “टेलीमेडिसिन भारत के हेल्थकेयर परिदृश्य में एक गेम चेंजर के तौर पर उभरा है। अपोलो टेलीहेल्थ के बदलावकारी नजरिये ने भौगोलिक अंतर को दूर किया है, इससे लाखों लोगों तक बेहतरीन चिकित्सा सेवायें पहुंच रही हैं। यह नवाचार हेल्थकेयर को लेकर हो रही बातचीत को नया आकार दे रहा है और गुणवत्तापूर्ण देखभाल को एक सर्वव्यापी अधिकार बना रहा है। अपोलो टेलीहेल्थ प्लेटफॉर्म का प्रभाव बहुत बढ़िया है, इसने दूर-दूर तक पहुंच बनाई है और यह हेल्थकेयर डिलीवरी में बदलाव लाने में तकनीक की क्षमता का लाभ उठा रहा है। यह महज एक सेवा नहीं है, यह हेल्थकेयर तक सभी लोगों को एकसमान पहुंच देने की दिशा में एक आंदोलन है।”