नई दिल्ली। आम बजट में केंद्र सरकार कोरोना महामारी के बाद डिजिटल शिक्षा और अन्य विकल्पों को लेकर सतर्क दिखी है। केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी के गठन का प्रस्ताव रखते हुए मंगलवार को कहा कि इसका निर्माण हब एवं स्पोक मॉडल के आधार पर किया जाएगा। सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान लगी पाबंदियों से औपचारिक शिक्षा को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार स्कूली बच्चों को अनुपूरक शिक्षा मुहैया कराने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए ‘एक क्लास-एक टीवी चैनल’ की व्यवस्था लागू की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि लघु एवं मध्यम क्षेत्रों की तरफ से दी जाने वाली आतिथ्य सेवाएं अभी तक सामान्य स्थिति में नहीं पहुंच पाई हैं। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तीन योजनाएं महिलाओं एवं बच्चों के समेकित विकास के लिए शुरू की गई थीं।
वहीं, रक्षा क्षेत्र की बात करें, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में आयात को घटाने और आत्म निर्भरता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए 68 प्रतिशत पूंजी को स्थानीय उद्योग के लिए आवंटित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अनुसंधान एवं विकास प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (ओएसओ) का पांच प्रतिशत आवंटित किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा, ‘‘सभी गांवों में भारतनेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेट को बिछाने का अनुबंध पीपीपी आधार पर दिया जाएगा।’’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन का जोखिम बाहरी कारक हैं तथा कम कार्बन विकास रणनीति से रोजगार के अवसर खुलेंगे।