नई दिल्ली। टैकनोलजी हमारे दैनिक जीवन में हमारे लिए एक गेम-चेंजर रही है, जो लगभग हर गतिविधि के लिए सुविधा और सहजता प्रदान करती है। लेकिन छात्र समुदाय के लिए उनकी रहने की स्थिति के संदर्भ में यह क्या कर सकती है? एक प्रमुख वैश्विक छात्र आवास प्लेटफॉर्म, यूनिवर्सिटी लिविंग ने हाल में किए गए सर्वे के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है। सर्वे में 1000 से अधिक लोग शामिल हुए। रिपोर्ट में दिलचस्प जानकारी यह है कि कैसे टैकनोलजी छात्रों के लिए आवास के अनुभव को अधिक सहज और सुविधाजनक बना सकती है। आइए जानते हैं कि रिपोर्ट में क्या कुछ कहा गया है।
सर्वे में भाग लेने वाले 50% रेस्पोंडेंटस ने कहा कि छात्र आवास अनुभव को बढ़ाने के लिए वर्चुअल टूर सबसे अच्छा तरीका है। यह मुख्य रूप से वर्चुअल टूर के कारण है कि छात्रों को बुकिंग करने और स्थान विशेष पर जाने से पहले आवास का उचित विचार प्रदान करता है। इसके अलावा, 39% प्रतिसादियों ने महसूस किया कि रूममेट-मैचिंग सेवाओं की पेशकश करने से उनके रहने की स्थिति में काफी सुधार होगा। आखिरकार, किसी का अपने रूममेट के साथ संबंध यह निर्धारित कर सकता है कि किसी स्थान पर रहना कितना आसान या कठिन हो सकता है।
इसके अलावा, यूनिवर्सिटी लिविंग की रिपोर्ट से पता चला कि इसके सर्वे के 6% रेस्पोंडेंटस को लगता है कि ऑन-डिमांड मेंटेनेंस उनके छात्र आवास अनुभव को बेहतर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। अन्य 6% को लगता है कि उनके अनुभव को बेहतर और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए जनरेटिव कस्टमर सहायता आवश्यक है।
यूनिवर्सिटी लिविंग के सीईओ और संस्थापक सौरभ अरोड़ा ने कहा, “कॉलेज जाने के बाद हर छात्र की यात्रा का आवास अनुभव एक अभिन्न अंग होता है। यह उनके छात्र अनुभव का एक बड़ा हिस्सा है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना कि यह निर्बाध, सुविधाजनक है और सुखद अनुभव प्रदान करता है तथा छात्रों के आवास के अनुभव को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर बनाने में टैकनोलजी निश्चित रूप से क्रांतिकारी है। हमारी नवीनतम सर्वे रिपोर्ट कुछ प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालती है जो एक बिना किसी परेशानी का आवास अनुभव सुनिश्चित कर सकती हैं। यूनिवर्सिटी लिविंग छात्रों की उच्च शिक्षा यात्रा को सुखद और परेशानी मुक्त सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी रिपोर्ट इस बात की गहराई से जानकारी देती है कि कैसे तकनीक पूरे अनुभव को बेहतर बना सकती है। हमें अपनी उच्च शिक्षा को जारी रखने के इच्छुक छात्रों के लिए गो-टू प्लेटफॉर्म बने रहने की उम्मीद है।