मवेशियों की होगी बेहतर देखभाल, गोवर्द्धन योजना के लिए हुई पोर्टल की शुरूआत

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, मवेशियों एवं जैव कचरे का प्रबंधन करने, पर्यावरण स्वच्छता में सुधार करने और वेक्टर जनित बीमारियों पर अंकुश लगाने एवं अन्य कार्यों में तकनीकी सहायता मुहैया कराने के लिये प्रत्येक जिले को 50 लाख रुपये तक का आर्थिक समर्थन देता है।

नई दिल्ली। किसी भी कानून अथवा योजना का विरोध लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत हो सकती है। सरकार अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों की ओर लगातार काम करती रहती है। संसद भले ही किसानों के मुद्दे को लेकर बाधित हो, मगर जल शक्ति मंत्रालय किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मवेशियों के हित के लिए गोवर्धन योजना पर काम कर रही है। इस योजना के लिए बुधवार को पोर्टल की शुरुआत कर दी गई है।

जल शक्ति मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि गोवर्द्धन योजना पर एक एकीकृत पोर्टल की शुरूआत की है। इसका उद्देश्य मवेशियों एवं जैव-कचरे का प्रबंधन है। साथ ही साथ यह किसानों की आय बढ़ाने में मदद करता है। बता दें कि गोवर्द्धन योजना को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण के तहत प्राथमिकता कार्यक्रम के रूप में अपनाया जा रहा है। जल शक्ति मंत्रालय स्वच्छ भारत मिशन को लागू कर रहा है।

जलशक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार ने बताया है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, मवेशियों एवं जैव कचरे का प्रबंधन करने, पर्यावरण स्वच्छता में सुधार करने और वेक्टर जनित बीमारियों पर अंकुश लगाने एवं अन्य कार्यों में तकनीकी सहायता मुहैया कराने के लिये प्रत्येक जिले को 50 लाख रुपये तक का आर्थिक समर्थन देता है।

बुधवार को जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल पारदर्शिता एवं सामाजिक जवाबदेही को भी सुनिश्चत करेगा। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया भी उपस्थित थे ।