नई दिल्ली। कोरेाना (COVID19) काल में सरकार किसी प्रकार की जल्दबाजी में नहीं है। हर पहलु पर गभीरता से विचार करने के बाद भी 12वीं बोर्ड (CBSE 12th Board )परीक्षा के तारीखों की घोषणा की जाएगी। कई राज्य सरकार सरेआम कोरोना में परीक्षा आयोजत कराने के पक्ष में नहीं है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली की स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय पूरे देश से रायशुमारी लेने के बाद ही जल्द इस पर निर्णय लेने वाली है।
बारहवीं बोर्ड (12th Board Exam) की परीक्षाओं के बारे में अंतिम निर्णय व्यापक विचार-विमर्श के बाद वर्तमान स्थिति और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा और उनके भविष्य को देखते हुए सरकार को कोई फैसला लेना है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को सभी राज्यों और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने और सलाह-मश्विरा करने को कहा था।
बोर्ड परीक्षाओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राज्यों से और विचार व सुझाव लेने को कहा था। इसके बाद रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Ranjanth Singh) की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। डिजिटल माध्यम से आयोजित इस बैठक में सिंह के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal nishank), केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani), प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javedkar), शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे के अलावा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों ने भी हिस्सा लिया था।
रविवार की बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड की लंबित परीक्षा कराने के संबंध में राज्यों के बीच व्यापक सहमति है और इस बारे में जल्द सुविचारित एवं सामूहिक निर्णय एक जून तक लिया जाएगा। बोर्ड ने दो विकल्पों का प्रस्ताव किया, जिसमें अधिसूचित केंद्रों पर 19 प्रमुख विषयों की नियमित परीक्षा लेने या छात्रों के पंजीकरण वाले स्कूलों में लघु अवधि की परीक्षा लेने की बात कही गई। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया।
विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं अकादमिक हित और शिक्षा प्रणाली का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए पूरा देश एकजुट हो गया है।
Entire country has come together to ensure the safety and academic welfare of the students and smooth functioning of the education system. pic.twitter.com/ezhtvZ3jLH
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 23, 2021
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं और 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं। इसी तरह, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।