भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा में शहीद होने वाले वन विभाग के कर्मचारियों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए की जाएगी, वन विभाग के अमले को 5 हजार रुपए वर्दी भत्ता और एक हजार रुपए पौष्टिक आहार भत्ता भी दिया जाएगा। वन विभाग के महावत, कटर जैसे अल्प वेतन भोगी और अनियमित कर्मचारियों की मुख्यमंत्री निवास में बैठक बुलाई जाएगी। उनकी समस्याओं के निराकरण व कल्याण और बेहतरी के लिए प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश में राष्ट्र वन शहीद दिवस प्रति वर्ष उद्देश्यपूर्ण ढंग से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर राज्य वन शहीद स्मारक का लोकार्पण किया और चंदनपुरा नगर वन का वर्चुअली शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान नवनिर्मित वन भवन में आयोजित वन महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 44 शहीद वन कर्मियों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी तथा शाल श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान का वन मंत्री श्री शाह ने अश्ववगंधा का पौधा भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नगर वन चंदनपुरा, वन शहीद स्मारिका 2023, मध्यप्रदेश के समस्त नगर वन स्मारिका और मध्यप्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड की गतिविधियों पर केंद्रित पुस्तिका “अनुभूति” का विमोचन किया। इस अवसर पर चंदनपुरा नगर वन पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ। कार्यक्रम में वन राज्य मंत्री श्री राहुल सिंह लोधी, अपर मुख्य सचिव वन श्री जे एन कंसोटिया, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री रमेश कुमार गुप्ता और अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्लोबल वार्मिग और क्लाइमेट चेंज के खतरे यह सिद्ध करते हैं कि पर्यावरण संरक्षण के लिए दुनिया को भारत के बताए रास्ते पर ही चलना होगा। मत्य्चपुराण में कहा गया है कि “दस कूओं के बराबर एक बावड़ी होती है, दस बावड़ियों के बराबर एक तालाब होता है, दस तालाबों के बाराबर एक पुत्र और दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है”। भारतीय संस्कृति में वृक्ष को ईश्वर, पिता और दस पुत्रों के बराबर माना गया है। हम तुलसी, पीपल, आंवला को काटना अशुभ मानते हैं। यह मान्यताएं संकेत करती हैं कि यदि पेड़-पौधे नहीं रहेंगे तो मानव जीवन भी नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने वन सम्पदा का बखूबी संरक्षण किया है। हमारा प्रदेश देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, जो राज्य क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत और देश के कुल वन क्षेत्र का 12.30 प्रतिशत है। हमारा प्रदेश वन्य प्राणियों की सुरक्षा में भी आगे हैं। मध्यप्रदेश देश का टाइगर स्टेट तो है ही तेदुआ, घड़ियाल, गिद्दों की संख्या भी यहां पर्याप्त है,साथ ही चीतों का भी पुनर्स्थापन हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्र उनका ऋणी है जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर वनों की सुरक्षा का कार्य किया। वन कर्मी परिवार से दूर रहकर, कठिन परिस्थितियों में खतरों के बीच अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। उनकी बेहतरी और सुरक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।