हर आने जाने वालों पर कड़ी नजर, दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

लोग हथियार लेकर रैली में शामिल हुए और सुबह से ही बैरिकेड तोड़े जाने लगे। मुकरबा चौक पर भड़काऊ भाषण भी दिया गया। किसान आंदोलन के नेताओं ने वादा तोड़ा, लोगों को आगे किया और भड़काऊ भाषण दिया। पुलिस आयुक्त ने बताया कि ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान पुलिस ने संयम बनाए रखा।

नई दिल्ली। जिस प्रकार से बुधवार को दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के तेवर तल्ख थे और उन्होंने हर गुनाहगार को सजा देने की बात कही, उसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर दिए गए हैं। एनएच 24 खोल दिया गया है। यहां किसानों ने रास्ता खाली कर दिया है। टिकरी बाॅर्डर और सिंघु बाॅर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। यहां हर आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बृहस्पतिवार को भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर पुलिस बल की भारी तैनाती है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि लाल किले पर भी व्यापक सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। लाल किले के सामने से गुजरने वाली सडक पर किसी भी आम वाहन को अधिक देर तक रूकने नहीं दिया जा रहा है। चांदनी चैक और लाजपत राय मार्केट में भी पुलिस की आवाजाही तेज है।

बता दें कि किसान संगठनों की केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प व वाहनों में तोड़-फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को इस संबंध में 25 आपराधिक मामले दर्ज किए थे। इस हिंसा में 394 पुलिस कर्मी घायल हुए थे और पुलिस के 30 वाहन क्षतिग्रस्त भी हुए थे।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि ट्रैक्टर परेड की इजाजत देते से पहले पुलिस ने सभी किसान नेताओं से बात की थी। किसान नेता पुलिस की ओर से रखी गई हर शर्त को मानने के लिए तैयार हुए थे। यह तय हुआ था कि ट्रैक्टर रैली के हर जत्थे में आंदोलन का एक नेता होगा और रैली में शामिल कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर नहीं शामिल होगा। पुलिस कमिश्नर ने दावा किया कि लोग हथियार लेकर रैली में शामिल हुए और सुबह से ही बैरिकेड तोड़े जाने लगे। मुकरबा चौक पर भड़काऊ भाषण भी दिया गया। किसान आंदोलन के नेताओं ने वादा तोड़ा, लोगों को आगे किया और भड़काऊ भाषण दिया। पुलिस आयुक्त ने बताया कि ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान पुलिस ने संयम बनाए रखा।

ट्रैक्टर परेड के एक दिन बाद बुधवार को पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार रास्तों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का भरोसा दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर इकट्ठा हो गए और तय रास्तों की बजाय सेंट्रल दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बुधवार की शाम को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पुलिस वीडियो फुटेज खंगाल रही है और जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसे पुलिस छोड़ेगी नहीं।