नई दिल्ली। कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज होने पर पार्टी नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में कहा, “हम नफरत से भरी ‘असुर-शक्ति’ के खिलाफ लड़ रहे हैं।” राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मुंबई में उनके द्वारा शक्ति को लेकर दिए गए बयान पर सिसायी बवाल जारी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल पर हमलावर है। राहुल ने कहा था, ‘‘हिन्दू धर्म में शक्ति शब्द होता है। हम शक्ति से लड़ रहे हैं…एक शक्ति से लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है कि वह शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा कि राजा की आत्मा ईवीएम में है। सही है…सही है कि राजा की आत्मा ईवीएम में है… हिंदुस्तान की हर संस्था में है। ईडी में है, सीबीआई में है, आयकर विभाग में है।’’
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया और राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इस दौरान पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के मुद्दे पर जमकर हमले बोले गए। केंद्र सरकार को केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और चुनावी चंदों के मुद्दों पर घेरा गया। खरगे, सोनिया, अजय माकन से लेकर राहुल तक, सभी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा।
हालांकि, विवाद बढ़ने पर राहुल गांधी ने सफाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी बातों का अर्थ बदलने की कोशिश की है, जबकि उन्होंने जिस शक्ति का उल्लेख किया था उसका ‘मुखौटा’ प्रधानमंत्री खुद हैं। वहीं, प्रेस कॉंनफ्रेंस में राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया जा रहा है, यह भारतीय लोकतंत्र को फ्रीज किया जा रहा है। सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में, हम कोई कार्रवाई करने में असमर्थ हैं – हम विज्ञापन बुक नहीं कर सकते या अपने नेताओं को कहीं भी नहीं भेज सकते। यह लोकतंत्र पर हमला है।
राहुल ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी पर एक आपराधिक कार्रवाई है, प्रधान मंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई एक आपराधिक कार्रवाई है… इसलिए, यह विचार कि भारत एक लोकतंत्र है, झूठ है। उन्होंने कहा कि आज भारत में कोई लोकतंत्र नहीं है। यह विचार कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, झूठ है। सरासर झूठ। भारत के 20% लोग हमें वोट देते हैं और हम किसी भी चीज़ के लिए 2 रुपये देने में सक्षम नहीं हैं। चुनाव में हमें कमजोर करने के लिए यह साजिश रची गई है।’ भले ही आज हमारे बैंक खाते बंद हैं, लेकिन भारतीय लोकतंत्र को भारी मात्रा में ऋण क्षति हुई है।