बिहार के शिक्षा मंत्री का रामचरितमानस पर विवादित बयान,भड़के संत ने कही जीभ काटने की बात

बिहार के शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर जम कर राजनीति हो रही है।बीजेपी इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल खड़े कर रही तो दूसरी तरफ अयोध्या के संत ने तो बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की है।


बिहार के मंत्री के बयान को लेकर इतना कुछ हो रहा लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी बात से अनजान है।उनसे जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘हमको पता नहीं है, हमको मालूम नहीं.वही बिहार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि रामचरित मानस के बारे में जिसने कहा उन्हें ज्ञान सीखने की आवश्कता है। उन्होंने करोड़ों लोगों की श्रद्धा पर जो चोट पहुंचाया है ये सनातन धर्मावलंबी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हें देशवासियों से माफी मांगना चाहिए.ऐसा मंत्री को मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए।बता दे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेको गालियां दी गई। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स,यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं। नफरत देश को महान नहीं बनाएगा, देश को मोहब्बत महान बनाएगा।उनके इस बयान के बाद अयोध्या के संत आचार्य परमहंस ने बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ देने का ऐलान किया जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिक ने जिस शख्स को ज्ञान का प्रतीक कहा,भीमराव अंबेडकर, उन्होंने मनुस्मृति क्यों जलाई?हम उस राम के भक्त हैं जो शबरी के झूठे बेर खाते हैं उसके नहीं जो शंबूक का वध करे…मेरी जीभ काटने पर फतवा दिया है,हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं इसलिए हम बयान पर अडिग हैं।