नई दिल्ली। कोरोना (COVID19) काल में सरकारी व्यवस्थाओं लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी दल कांग्रेस के नेता और भाजपा नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं। इससे जनता का भला होगा कि नहीं, यह तो नहीं कह सकते, लेकिन इतना तय है कि इन नेताओं को स्वास्थ्य सेवा की बदहाली ने एक मौका जरूर दे दिया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि ये सरकार दुबई में ISI से बात कर सकती है, विपक्ष के नेताओं से बात नहीं कर सकती? मैं नहीं मानती कि आज विपक्ष का एक भी नेता ऐसा है जो इन्हें पाॅजिटिव और रचनात्मक तरीके से सुझाव नहीं दे रहा है। मैं सकारात्मक तरीके से कह रही हूं कि भगवान के लिए सरकार कुछ करे। उनके पास जितने संसाधन हैं उन्हें वो कोरोना की लड़ाई में लगाएं। अगर केंद्र सरकार अपना मन बनाए तो अभी भी ऑक्सीजन की सुविधा बनाई जा सकती ।
प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ने कहा कि हर जगह से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि समझ में ही नहीं आ रहा कि ये सरकार क्या कर रही है? शमशान घाटों पर इतनी भीड़ लगी है, लोग कूपन लेकर खड़े हैं। हम इस स्थिति में सोच रहे हैं कि हम क्या करें। जो सरकार को करना चाहिए था, वो सरकार नहीं कर रही है।
भारत का ऑक्सीजन निर्यात
2019-20: 4502 मीट्रिक टन
2020-21: 9300 मीट्रिक टनहमारे यहाँ ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। हम ऑक्सीजन के सबसे बड़े उत्पादक हैं। लेकिन सरकार ने कोरोना का खतरा होते हुए भी दोगुना ऑक्सीजन देश के बाहर भेज दी।
ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है? pic.twitter.com/rK1oxqKjm6
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 21, 2021
प्रियंका गांधी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtaar Abbas Naqvi) ने कहा कि कोरोना का इलाज हो सकता है, कांग्रेस का इलाज नहीं है। उनका रचनात्मक सुझाव आया था कि हाहाकार मचा हुआ है, लोगों की चिंता नहीं है, एक साल में प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं किया। क्या ये सारी चीजें आकाश से टपक कर आई हैं? इस पार्टी का इतना गैरजिम्मेदाराना व्यवहार कभी नहीं देखा। इनकी पार्टी में बहुत नेता रहे हैं लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। हम भी विपक्ष में रहे हैं, लेकिन कभी ऐसा व्यवहार नहीं किया। ये भ्रम के स्कोर में लगे हुए हैं।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा कि जब राजनीति नहीं होनी चाहिए तब कांग्रेस पार्टी और खासतौर पर गांधी परिवार राजनीति कर रहा है। प्रियंका गांधी ने एक इंटरव्यू में जिस प्रकार से आलोचना की है, वह देश देख रहा है। देश उनको जवाब देगा। गांधी परिवार (Gandhi Family) का घमंड इस आपदा के समय देश के सामने झलक रहा है। उन्होंने कहा कि देश में घबराहट, अफरातफरी और फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की जा रही है। महाराष्ट्र ने जैसे असंवेदनशीलता दिखाई उसका नतीजा है कि आज लगभग 40-50% मामले एक ही राज्य से आ रहे हैं। प्रियंका जी, आज महाराष्ट्र की सरकार जो कर रही है उस पर आपके भाई एक शब्द नहीं बोल रहे हैं। छत्तीसगढ़ में यह स्थिति इसलिए है क्योंकि वहां की सरकार ने इसे नियंत्रित नहीं किया।वहां के CM प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहते हैं कि हम वैक्सीनेशन (Vaccination)नहीं कराएंगे। क्या यह हकीकत नहीं कि पंजाब, छत्तीसगढ और राजस्थान की सरकार ने प्रेस रिलीज जारी की थी कि हम कोवैक्सीन नहीं लेंगे।
असल में, पिछले साल करीब दस करोड़ लोग बेरोजगार हुए थे। उस समय सरकार ने गरीबों का खाना-पीना चलता रहे, उस लायक मदद जरुर की थी लेकिन यूरोपीय सरकारों की तरह उसने आम आदमी की आमदनी का 80 प्रतिशत भार खुद पर नहीं उठाया था। अब विश्व बैंक के आंकड़ों के आधार पर ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ का कहना है कि महामारी के कारण भारत की अर्थ-व्यवस्था में इतनी गिरावट हो गई है कि भारत के गरीबों की बात जाने दें, जिसे हम मध्यम वर्ग कहते हैं, उसकी संख्या लगभग 10 करोड़ से घटकर करीब 7 करोड़ रह गई है।