बता दें कि केंद्र सरकार को चार धाम रोड प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है। कोर्ट ने उत्तराखंड में परियोजना के लिए तीन डबल-लेन हाईवे बनाने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट सरकार के इस तर्क से सहमत है कि क्षेत्र में व्यापक सड़कें रणनीतिक महत्व की थीं। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि रक्षा मंत्रालय एक विशेष निकाय है और इसकी संचालन आवश्यकताओं को तय कर सकता है। अदालत ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों के बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करना होगा और रणनीतिक महत्व के राजमार्गों के साथ अन्य पहाड़ी इलाकों की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता है।
असल में, अदालत ने याचिकाकर्ता की पर्यावरण संबंधी चिंताओं को भी स्वीकार किया और कहा कि वह पूर्व सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन कर रही है। अदालत ने मंगलवार को कहा कि सीमा सुरक्षा चिंताओं को पूरा करने की जरूरत है और हाल के दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियों को देखते हुए सैनिकों और उपकरणों की आवाजाही की जरूरत है, जिसके मद्देनजर अब ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की कोर्ट ने इजाजत दे दी है।