Delhi : चुनाव से साल भर पहले दिल्ली नगर निगम की सियासत गरमाई

साल 2022 में दिल्ली नगर निगम का चुनाव होना है। अभी 2021 से ही इसको लेकर राजनीतिक उठापटक जारी है। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं। देखना है कि यह बयानबाजी कहां जाकर समाप्त हो पाएगी ?

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD)का चुनाव अगले साल होना है। इसकी बातें अभी से होनी शुरू हो गई हैं। बीते साल भर से दिल्ली नगर निगम को लेकर केवल बयानबाजी होती रही। भ्रष्टाचार का मुद्दा उठता रहा। कर्मचारियों के वेतन की मांग होती रही और वेतन के लिए आंदोलन हुए। काम काज तक ठप्प किया गया। बहुत कुछ कोरोना (COVID19)के नाम पर यूं ही छोड दिया गया।

दिल्ली में जैसे ही कोरोना संक्रमण में कमी आई और अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू हुई, दिल्ली नगर निगम (MCD) को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली नगर निगम की बुरी हालत की है, उसके चलते दिल्ली नगर निगम ऐसे संकट में है जैसे संकट में देश के इतिहास में कोई सरकारी संस्था आज तक नहीं आई। कोर्ट को ये कहना पड़ रहा है कि आप अपनी संपत्ति बेचकर लोगों को तनख़्वाह दीजिए।

इसका पलटवार करते हुए दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने कहा कि किसी भी शासन की प्रथम ज़िम्मेदारी कल्याणकारी योजनाएं होती हैं, जो शासक कल्याणकारी योजनाओं के तहत कल्याण का और लोकतंत्र को स्थापित करने का काम न करे क्या उसे शासन में बने रहने का अधिकार है? दिल्ली सरकार का बज़ट लगातार बढ़ता चला गया, ऐसा कैसे की पिछले 7 साल में नगर निगम का बज़ट कम होता गया। दिल्ली नगर निगम ने कोविड महामारी के दौरान अभाव में प्रभाव का कार्य किया।

असल में, दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर अभी से ही राजधानी में आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा (BJP) के नेताओं ने तैयारी शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस दिल्ली में मृतप्राय है। भाजपा बीते करीब 20 साल से दिल्ली नगर निगम की सत्ता में है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को लगता है कि कांग्रेस के मैदान में नहीं होने के बराबर और भाजपा पार्षदों को लेकर जो लोगों में नाराजगी है, इसके सहारे उसे लाभ मिल सकता है। दिल्ली विधानसभा के साथ ही वह दिल्ली नगर निगम पर काबिज होती है, तो उसके लिए बेहद लाभकारी होगा।