नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सत्ता में आने से पूर्व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने 2013 हजारों युवाओं सहित सरकारी विद्यालयों के गेस्ट टीचरों को स्थायी करने का वादा किया था और वही वादा 2015 और 2020 में भी दोहराया, परंतु अब प्रदेश कांग्रेस के लगातार दवाब के कारण शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया अब गेस्ट टीचरों के वेतन में वृद्धि करने की बेबुनियाद घोषणा करके वाहवाही लूट रहे है जबकि 22000 गेस्ट टीचरों को स्थायी करने के संबध में पिछले 7 वर्षों के शासन में कोई निर्णय नही लिया जा रहा है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के गेस्ट टीचरों से वादा कर रहे है कि उनकी नौकरियों को नियमित करेंगे, परंतु यह बड़ा आश्चर्य है कि केजरीवाल दिल्ली में उसी मानदंड को लागू क्यों नहीं कर रहे हैं जबकि 7 वर्षों से सत्ता में हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कांग्रेस पार्टी के दवाब में आकर गेस्ट टीचरों के वेतन में वृद्धि की घोषणा की है, जबकि गेस्ट टीचरों की लड़ाई उन्हें स्थायी करने की है, जिसके लिए कांग्रेस पार्टी गेस्ट टीचरों के साथ खड़ी है और गेस्ट टीचरों की लड़ाई को हर स्तर पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया ने यह निश्चित नही किया कि गेस्ट टीचरों के वेतन में वृद्धि कब से की जाएगी। उन्होंने कहा कि कहीं वेतन वृद्धि की घोषणा जुमला साबित न हो जाए क्योंकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने अधिकतर घोषणा पूरी नही की हैं।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि शिक्षक संघ द्वारा अपने अधिकारों सहित अस्थायी नौकरी की अनिश्चितता के लिए संघर्ष करते हुए दिल्ली सरकार के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया दवाब में आकर भड़क गए जिसके बाद मनीष सिसोदिया ने गेस्ट टीचरों को गुमराह करने के लिए वेतन वृद्धि ट्वीट किया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने वायदे अनुसार यदि शिक्षकों की सेवाऐं नियमित कर देगी तो उनका वेतन अपने आप बढ़ जाएगा। परंतु गेस्ट टीचरों के संघर्ष के बाद अरविंद सरकार उनकी सेवाओं को नियमित करने को लेकर बौखलाई हुई है। उन्होंने कहा कि सिसोदिया ने वेतन वृद्धि का ट्वीट शिक्षकों के आंदोलन को दबाने के लिए किया क्योंकि आम आदमी पार्टी के खिलाफ गेस्ट टीचर आंदोलन जोर पकड़ रहा था, जिसका दिल्ली के आगामी नगर निगम चुनावों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने डर से यह कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा एक लाख कोविड रोगियों को भी समायोजित करने के लिए तैयार है, लेकिन अस्पतालों में जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
— Anil Chaudhary (@Ch_AnilKumarINC) December 24, 2021
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविंद सरकार वादे तो करती है परंतु उन्हें पूरा नही करती, जैसे कि उनकी नवीनतम घोषणा कि सरकार 1 लाख कोरोना संक्रमितों के लिए उनके पास स्वास्थ्य व्यवस्था तैयार है, जबकि उन्होंने यह स्पष्ट नही किया कि इतने मरीजों को कहां समायोजित करेंगे। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने में मुख्यमंत्री अरविंद की अक्षमता वर्तमान साल अप्रैल-मई में पूरी तरह से उजागर हो गई थी, जब हजारों लोगों की मौत अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन, दवाओं, आईसीयू बेड की कमी के कारण हुई थी और पूरी दिल्ली ने कोविड के मौत का मंजर देखा था।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविंद सरकार ने अस्थायी कोविड सुविधाएं बनाने में करोड़ों रुपये खर्च किए, अगर इस राशि का इस्तेमाल अस्पतालों में सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया जाता, तो दिल्ली में संकट के समय किसी भी घटना से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त स्वास्थ्य व्यवस्था होती। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में बिस्तरों को शामिल करने के बावजूद दिल्ली के अस्पतालों में केवल 30,000 बिस्तर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक लाख कोविड संक्रमितों को स्वास्थ्य सुविधाऐं देने का झूठा बयान मीडिया देकर केवल दिल्लीवालों को गुमराह कर रहे है।