नई दिल्ली। दुनियाभर में 22 अप्रैल को ‘अर्थ डे’ मनाया जाता है। गोदरेज ग्रुप की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस ने अर्थ डे से पूर्व हमारे ग्रह के संरक्षण के लिये अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। इसके लिये कंपनी हरित प्रौद्योगिकी में निवेश करेगी, जलवायु सम्बंधी साक्षरता बढ़ाकर पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता पैदा करेगी और औद्योगिक प्रकियाओं में बदलाव करने की परंपरा को जारी रखेगी।
पिछले दस वर्षों में, गोदरेज एंड बॉयस ने अपनी पर्यावरणीय, सामाजिक एवं संचालन (ईएसजी) पहलों के लिये 500 करोड़ रूपये से ज्यादा का निवेश किया है। यह पहलें कंपनी के गुड एंड ग्रीन दृष्टिकोण का हिस्सा हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप है और, जिसका लक्ष्य है अपनी पहलों के माध्यम से पृथ्वी और उसके लोगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करना।
‘अर्थ डे’ के महत्व पर बात करते हुए, गोदरेज एंड बॉयस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जमशेद एन. गोदरेज ने जलवायु के लिये काम करने की जरूरत बताई और कॉर्पोरेशंस से संवहनीयता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आज हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ से हम अतीत की भरपाई नहीं कर सकते, लेकिन यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वर्तमान में हमारे काम एक बेहतर भविष्य की दिशा में हों। यह जरूरी है कि हम खुद को एक कुशल हरित ग्रह के विचार से जोड़ें और ऐसे काम शुरू करें, जो हमें उसी दिशा में ले जाएं। भारत के लिये वर्ष 2070 तक ‘नेट जीरो’ के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम करना जरूरी है और यदि हम अपने छोटी अवधि के लक्ष्यों पर ध्यान दें तो वह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। कार्बन की तीव्रता को कम करने और ऊर्जा के एक ज्यादा व्यापक, नवीकरण योग्य मिश्रण के लिए एनर्जी ट्रांजिशन के 2025 और 2030 लक्ष्यों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिये, जिसके लिये सचेत होकर हरित प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा, व्यवसाय के चक्रीय नमूनों को बढ़ावा देना होगा और व्यक्तिगत स्तर पर भी जीवनशैली में बदलाव करने होंगे।