नई दिल्ली। ईद-उल-अजहा या ईद-उल-जुहा यानि बकरीद इस साल 17 जून 2024 को मनाई जाएगी. बकरीद इस्लाम के सबसे पवित्र त्योहारों में एक है. इस्लाम में साल भर में दो ईद मनाई जाती हैं. एक को ‘मीठी ईद’ कहा जाता है और दूसरी को ‘बकरीद’.ईद सबसे प्रेम करने का संदेश देती है तो बकरीद अपना कर्तव्य निभाने का और अल्लाह पर विश्वास रखने का. ईद-उल-जुहा कुर्बानी का दिन भी होता है।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने ईद-उज-जुहा की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है, “ईद-उज-जुहा के अवसर पर, मैं सभी देशवासियों और विदेशों में रहने वाले भारतीयों, विशेष रूप से हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देती हूँ।
ईद-उज-जुहा का पवित्र त्योहार त्याग और बलिदान का प्रतीक है। यह प्रेम, भाईचारे और सामाजिक सद्भाव का संदेश देता है। यह त्योहार हमें मानवता की निस्वार्थ सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर पर, आइए हम अपने राष्ट्र के विकास और कल्याण के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लें।”
उपराष्ट्रपति ने ईद-उल-जुहा की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं । मैं ‘ईद-उल-जुहा’ के पावन अवसर पर सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
ईद-उल-जुहा मनाते समय आइए हम एकता, दया और बंधुत्व के मूल्यों पर विचार करें जो न केवल इस त्योहार, बल्कि हमारे पूरे समाज की आधारशिला हैं। इसके साथ ही यह त्योहार परिवारों और समुदायों के लिए मिल जुलकर हर्षोल्लास और सद्भाव की भावना को व्यक्त करने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर भी है।
इस पावन दिवस पर मैं आप सभी को करुणा और सौहार्द से परिपूर्ण उत्सव के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
उपराष्ट्रपति के संदेश का हिंदी संस्करण निम्नलिखित है:
ईद-उल-जुहा के पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों को स्नेहिल शुभकामनाएं देता हूं। ईद का यह पवित्र त्योहार हमें एकता, दया और बंधुत्व जैसे मूल्यों की प्रेरणा देता है। साथ ही यह पर्व समाज में लोगों द्वारा मिल जुलकर हर्षोल्लास और सद्भाव की भावना को व्यक्त करने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर भी है। इस पावन दिवस पर, मैं आप सभी को करुणा और सौहार्द से परिपूर्ण उत्सव के लिए शुभकामनाएं देता हूं।