नई दिल्ली। कोरोना को लेकर भले ही लोगों को कुछ राहत मिली हो, लेकिन कई जिलों में डेंगू के बढ़ते मामलों ने सरकारी अमला को हरकत में ला दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय दल को उन नौ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को तुरंत रवाना कर दिया है, जहां डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह दल इन राज्यों में डेंगू के असरदार नियंत्रण और प्रबंधन में जन स्वास्थ्य उपाय करने में सहायता करेंगे। यह निर्णय एक नवंबर, 2021 को डेंगू के हालत की समीक्षा करने के लिये बुलाई गई बैठक के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया के निर्देश पर लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया है कि जिन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में डेंगू के मामले अधिक आ रहे हैं, वहां फौरन सहायता पहुंचाई जाये। पूरे देश में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में डेंगू के कुल 1,16,991 मामले सामने आ चुके हैं।
Reviewed the Dengue situation in Delhi & assured Centre’s full support.
On-ground initiatives like hotspot identification, fogging & timely treatment will be carried out to curb disease.
Centre is also sending a team of experts to States with rising Dengue cases. pic.twitter.com/B0KULaexr5
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) November 1, 2021
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस बार अक्टूबर माह में कुछ राज्यों में डेंगू के मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी देखी जा रही है। कुल 15 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इस वर्ष डेंगू के मामले सबसे ज्यादा हैं। उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर तक देश में डेंगू के कुल मामलों का 86 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों में दर्ज किये गये हैं। केंद्रीय टीमों में राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और क्षेत्रीय कार्यालयों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन टीमों को उन नौ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को रवाना किया गया है, जहां सितंबर की तुलना में अक्टूबर में डेंगू के ज्यादा मामले आ रहे हैं।
टीमों को दायित्व सौंपा गया है कि वे जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में कारगर तरीके से काम करने में राज्यों की सहायता करें। टीमों को आदेश दिया गया है कि वे वैक्टर नियंत्रण, किट्स और दवा की उपलब्धता, रोग का शुरूआत में ही पता लगाने, कीटनाशकों की उपलब्धता और उनके इस्तेमाल, मच्छर के लार्वा की स्थिति, वयस्क मच्छर द्वारा रोग फैलाने पर काबू पाने के उपायों की स्थिति आदि पर रिपोर्ट देते रहें। ये टीमें राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने निष्कर्षों से भी अवगत कराती रहेंगी।